तामिराती शोबे में तवानाई की कारकर्दगी में इज़ाफे पर ज़ोर‌

नई दिल्ली, 15 फ़रवरी: बर्क़ी तवानाई की बढ़ती तलब के मोस्सर इंतेज़ाम के लिए सदर जमहूरिया परनब मुकर्जी ने आज बर्क़ी तवानाई की तामीराती शोबे में कारकर्दगी में इज़ाफे पर ज़ोर दिया और कहा कि काबिले तजदीद तवानाई भी इस्तिमाल की जानी चाहीए। उन्होंने कहा कि ये ज़रूरी है कि तलब के इंतिज़ामीया को पहले तर्जीह दी जाये।

चुनांचे तामिराती शोबे में बर्क़ी तवानाई की कारकर्दगी में इज़ाफ़ा और कलीदी हिक्मत-ए-अमली के तौर पर काबिले तजदीद तवानाई से इस्तिफ़ादा ज़रूरी है ताकि बर्क़ी तवानाई की बढ़ती हुई तलब पर क़ाबू पाया जा सके। इन का ये तबसिरा मंसूबा बंदी कमीशन के इजलास के दौरान बरसरे आम आया जबकि रिपोर्टस पेश की गईं, जिनमें कहा गया है कि बर्क़ी तवानाई की सरबराही में सालाना 6.5 से 7 फ़ीसद तक इज़ाफ़ा ज़रूरी है, ताकि बारहवीं मंसूबे की मुद्दत में मईशत की शरह तरक़्क़ी 9 फ़ीसद बरक़रार रखी जा सके।

रिपोर्ट का हवाला देते हुए सब्ज़ अज़ाइम के मौज़ू पर मुनाक़िदा कान्फ्रेंस में सदर जमहूरीया परनब मुकर्जी ने कहा कि बर्क़ी तवानाई के सर्फ़ा में सिर्फ़ तामिराती शोबे का हिस्सा तक़रीबन 35 फ़ीसद है। मुल्क भर में जितनी बर्क़ी तवानाई इस्तिमाल की जाती है, उस की एक तिहाई से ज़्यादा बर्क़ी तवानाई तामीराती शोबे में इस्तिमाल होती है। ताहम वसाइल के लिए बढ़ती हुई तलब के पेशे नज़र पायदारी के हुसूल के लिए उन्होंने तमाम सतहों पर पालिसी साज़ों से अपील की कि माहौलियाती दबाओ के मसले की यकसूई की जाये।