तामीर मिल्लत के जलसा यौम रहमतुल लील आलमीन की इस्तिक़बालीया का इजलास

हैदराबाद । 25 दिसमबर (प्रैस नोट) हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लाहो अलैहि वसल्लम की ज़ात-ए-गिरामी अहल-ए-ईमान के लिए सरचश्मा हिदायत भी है और मर्कज़ इशक़-ओ-मुहब्बत भी। अल्लाह ताला ने आपऐ को आख़िरी रसूल ई और कामिल उस्वा हसना ई वाला बना कर भेजा है। ये उस्वा हर ज़माना में मुस्लमानों की क़ुव्वत का सरचश्मा रहा है। इस की हिफ़ाज़त और इशाअत के लिए जलसा हाय रहमतुल लील आलमीन का इनइक़ाद अमल में लाया जाता है।

तामीर मिल्लत के जलसों का एहतिमाम इसी नुक़्ता-ए-नज़र से होता है। इस साल 62 वां जलसा निज़ाम कॉलिज ग्राउंड पर होगा। इन ख़्यालात का इज़हार मौलाना सुलेमान सिकन्दर नायब सदर तामीरमलत ने 62 वीं जलसा रहमतुलिल अलमीन की मजलिस इस्तिक़बालीया के दूसरे इजलास की सदारत करते हुए किया। जनाब मुहम्मद सुलेमान की क़रात कलाम पाक के बाद जनाब शाहनवाज़ हाश्मी नेबारगाह रिसालत ई में नाअत शरीफ़ पेश की। मोतमद इस्तिक़बालीया ने गुज़शता इजलासकी रूदाद पेश की और तौसीक़ हासिल की।

इस इजलास ने मुत्तफ़िक़ा तौर पर डाक्टर मुहम्मद मुश्ताक़ अली, जनाब ख़लीक़ अलरहमन और जनाब ख़्वाजा आसिफ़ अहमद को मजलिस इस्तिक़बालीया के नायब सदूर की हैसियत से मुंतख़ब किया। मोतमिद इस्तिक़बालीया ने जलसा के ज़िमन में होने वाली पेशरफ़त से ऐवान को आगाह किया। जनाब ख़्वाजा क़ुतुब उद्दीन, जनाब सिराज उद्दीन एजाज़, डाक्टर मतीन उद्दीन कादरी और जनाब मज़हर लतीफी ने मुख़्तलिफ़ तजावीज़ ऐवान के सामने रखें।