तारा शाहदेव मामला : 20 मिनट चला था निकाहनामा, काजी ने कबूला

रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन और तारा का निकाह करानेवाले शहर काजी ने जुमा को बताया कि उन्होंने ब्लेयर अपार्टमेंट में दोनों का निकाह करवाया था। निकाह के लिए हाजी हरसामुद्दीन ने उन्हें आठ अगस्त की दोपहर फोन करके बुलाया था। निकाह के दौरान हाइकोर्ट के विजिलेंस रजिस्ट्रार मो मुस्ताक अहमद समेत कई लोग मौजूद थे।
काजी कारी जान मोहम्मद मुस्तफा ने बताया कि आठ जुलाई की शाम 6.15 बजे के बाद ब्लेयर अपार्टमेंट में निकाहनामा का प्रोग्राम शुरू हुआ था। प्रोग्राम करीब 20 मिनट तक चला था। उन्होंने ही इसकी अमल शुरू करायी थी।

उन्होंने सबसे पहले लड़के का नाम पूछा। लड़के ने अपना नाम रकीबुल हसन और वालिद का नाम हरनाम सिंह कोहली बताया। इस पर काजी ने ऐतराज जताया था। तब वहां मौजूद लोगों ने कहा था कि रकीबुल पांच-छह साल पहले ही इसलाम धर्म कुबूल कर चुका है, इसलिए इसमें कोई दिक्कत नहीं है। इसके बाद उन्होंने परदे के पीछे बैठी लड़की का नाम पूछा। लड़की ने अपना नाम सारा परवीन बताया। वालिद का नाम पूछने पर लाला अंबिका नाथ शाहदेव बताया। इस पर भी उन्होंने ऐतराज किया, तो मौजूद लोगों ने कहा था कि दोनों मुसलमान हो गये हैं, इसलिए कोई एतराज़ नहीं है। इसके बाद उन्होंने कबूलनामा करवाया।

कबूलनामा में लड़की ने तीन बार कबूल है कहा था। शहर काजी ने बताया कि निकाहनामा के बाद उन्होंने रकीबुल और सारा परवीन से मजहब तब्दील से मुतल्लिक़ अदालत के कागजात मांगे, तो उन्होंने कागजात नहीं दिखाया। इस पर उन्होंने एतराज़ जताते हुए कहा था कि जब आप लोग कागज देंगे, तभी हम निकाह का सर्टिफिकेट देंगे। कागज नहीं देने पर निकाहनामा कबूल नहीं होगा। काजी के मुताबिक इतना बोल कर वह वहां से निकल गये थे, क्योंकि माहौल समझ में नहीं आ रहा था। शहर काजी ने बताया कि रकीबुल के घर में इफ्तार और दावत की इंतेजाम भी थी। मुङो उसमें शामिल होने कहा गया था, लेकिन मैंने कहा था कि इफ्तारी वहीं करते हैं, जहां तराबी की नवाज पढ़ाते हैं, इसलिए मैं यहां इफ्तार नहीं करूंगा।

यह पूछे जाने पर कि निकाह के वक्त लड़की के वालिदैन मौजूद थे या नहीं, शहर काजी ने कहा कि परदे के दूसरी तरफ कौन लोग थे, मुङो नहीं पता। मैंने उन्हें नहीं देखा।