तारीख़ी मक्का मस्जिद में ऑक्टोपस की फ़र्ज़ी सिक्योरिटी ड्रिल

हैदराबाद 04 मार्च: शहर की तारीख़ी मक्का मस्जिद पर सुबह की अव्वलीन साअतों में फ़र्ज़ी दहश्तगरदों के क़बजे और एक घंटे की कार्रवाई के बाद पुलिस के ख़ुसूसी शोबा ऑक्टोपस की तरफ से उन्हें बेदखल करने की सिक्योरिटी ड्रिल मुनाक़िद की गई ।

ऑक्टोपस की ये फ़र्ज़ी कार्रवाई कमांडोज़ ने कुछ इस तरह अंजाम दी के वहां मौजूद अवाम की कसीर तादाद को हक़ीक़ी कार्रवाई दिखाई दे रही थी। ऑक्टोपस के कमांडोज़ ने ट्रेनिंग पर मबनी इस फ़र्ज़ी कार्रवाई की महिकमा अक़लियती बहबूद से बाक़ायदा इजाज़त हासिल करली थी और कमांडोज़ ने मस्जिद के एहतेराम को भी मलहूज़ रखा। मस्जिद के सुपरिन्टेन्डेन्ट मुहम्मद अबदुलक़दीर सिद्दीक़ी जो ख़ुद रिटायर्ड डीएसपी हैं इस कार्रवाई के दौरान मस्जिद के तक़द्दुस की बरक़रारी में कमांडोज़ की रहनुमाई की।

दहश्तगर्द हमले की सूरत में कार्रवाई के लिए ऑक्टोपस को इस तरह की ट्रेनिंग दी जाती है। इस मर्तबा ख़ुसूसी पुलिस की टीम ने तारीख़ी मक्का मस्जिद का इंतेख़ाब किया और 3 फ़र्ज़ी दहश्तगरदों को मस्जिद में रुपोश कर दिया गया और इस के बाद उन्हें निकालने की कार्रवाई शुरू हुई।

ये कार्रवाई सुबह 7 बजे से 8:30 बजे तक जारी रही और ऑक्टोपस के कमांडोज़ ने फ़र्ज़ी दहश्तगरदों को दबोच लिया। इस फ़र्ज़ी कार्रवाई के सिलसिले में कमांडोज़ की टीम ने मस्जिद का सर्वे किया था और इस फ़र्ज़ी ड्रिल के लिए सुबह की अव्वलीन साअतों का इंतेख़ाब इसलिए किया गया ताकि अवाम में कोई दहश्त या सनसनी पैदा ना हो। सुबह के औक़ात में मस्जिद में कबूतरों को दाना डालने आने वाले लोगें को इस बारे में वाक़िफ़ कर दिया गया था और जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई वहां अवाम की कसीर तादाद मुशाहिदा के लिए जमा हो गई।

फ़र्ज़ी बंदूक़ो से गोलीयां तो नहीं बल्कि पटाख़ों की आवाज़ आरही थी। कमांडोज़ ने पहले सेहन के हिस्सा और अतराफ़ में दहश्तगरदों की तलाशी ली और फिर अंदरूनी हिस्से में दाख़िल हुए।

फ़र्ज़ी दहश्तगरदों और कमांडोज़ के बीच फायरिंग का तबादला जारी रहा और यके बाद एक तीनों दहश्तगरदों का सफ़ाया कर दिया गया।

मुक़ामी पुलिस और मस्जिद में सिक्योरिटी गार्ड्स ने इस कार्रवाई के इंतेज़ामात किए थे और वहां मौजूद अवाम को इस फ़र्ज़ी कार्रवाई के बारे में समझा रहे थे। ये पहला मौक़ा है जब मक्का मस्जिद में इस तरह की कोई फ़र्ज़ी कार्रवाई की गई। कार्रवाई की तकमील के बाद कमांडोज़ ने मस्जिद का तफ़सीली मुशाहिदा किया और सुपरिन्टेन्डेन्ट के साथ ग्रुप फ़ोटोज़ लिए।