तारीख़ी लोक पाल बिल लोक सभा में मंज़ूर

नई दिल्ली, २८ दिसम्बर: (पी टी आई) लोक पाल की तशकील केलिए गुज़श्ता 43 साल से नाकामी के बाद तारीख़ी बिल आज रात लोक सभा में मंज़ूर कर लिया गया जिस के तहत 9 अरकान पर मुश्तमिल इंसिदाद रिश्वत सतानी नगर इनकार लोक पाल क़ायम किया जाएगा लेकिन आज हुकूमत को इस वक़्त पशेमानी का सामना करना पड़ा जब इस बल को दस्तूरी मौक़िफ़ फ़राहम करने के लिए क़ानूनसाज़ी के मुआमला में शिकस्त हुई क्योंकि उसे दरकार दो तिहाई अक्सरीयत हासिल ना हो सके।

लोक पाल और लोक आयवकत बिल 2011 में सरकारी तरमीमात के ज़रीया हुकूमत ने ये वाज़िह करदिया है कि रियास्तों की जानिब से लोक आयवकत का क़ियाम लाज़िम नहीं रहेगा। हलीफ़ जमातों और दीगर की मुख़ालिफ़त को पेशे नज़र रखते हुए इस मुतनाज़ा हिस्सा में तरमीम की गई है। हुकूमत की जानिब से बाअज़ दीगर तरमीमात बिशमोल दिफ़ाई फ़ोर्सेस और कोस्ट गार्ड को लोक पाल के दायरा कार से बाहर रखने के इलावा साबिक़ अरकान पार्लीमान को इस्तिस्ना की मुद्दत पाँच साल से बढ़ाकर सात साल करने से इत्तिफ़ाक़ के बाद ये लोक पाल बल और लोक आयुक़्त बिल 2011को मंज़ूरी दे दी गई।

अपोज़ीशन ने कई तरमीमात पर ज़ोर दिया था जिन में कारपोरीटर इदारों , मीडीया और अतीया जात वसूल करने वाले इन जी औज़ को भी लोक पाल के दायरा में लाना शामिल है लेकिन इन तजावीज़ को हुकूमत ने क़बूल नहीं किया। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने उन के मुतालिबात तस्लीम ना करने पर बतौर-ए-एहतजाज वाक आउट किया।

लोक पाल बिल पर तक़रीबन 10 घंटे से ज़ाइद मुबाहिस के दौरान वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने तमाम सियासती जमातों से जांबदाराना सियासत से बालातर होकर मुल्क की अवाम के रूबरू इस हक़ीक़त का सबूत पेश करने की अपील की कि ऐवान में पूरी संजीदगी के साथ काम अंजाम दिया जा रहा है और करप्शन के ख़िलाफ़ जारी कोशिशों में हम सब मुत्तहिद हैं।

उन्हों ने कहा कि करप्शन जैसे कैंसर से निमटने केलिए मूसिर अंदाज़ में पेशरफ़त की ज़रूरत है लेकिन उन्हों ने सी बी आई को लोक पाल के दायरा कार में शामिल करने का मुतालिबा मुस्तर्द करदिया और ख़बरदार किया कि दस्तूरी ढांचा में एक और ग़ैर मुस्तक़िल इदारा काम नहीं कर सकता। मुबाहिस के दौरान कई सयासी जमातों बिशमोल बी जे पी , बी जे डी, जे डी यू , आर जे डी , एस पी , टी डी पी और बाएं बाज़ू ने इस बिल को कमज़ोर क़रार देते हुए दसतबरदारी का मुतालिबा किया था। वज़ीर फ़ीनानस परनब मुकर्जी ने ये दलील मुस्तर्द कर दी कि जलदबाज़ी या दबाव में आकर ये बिल पेश किया जा रहा है ।

कई जमातों बिशमोल यू पी ए की हलीफ़ तृणमूल कांग्रेस और डी ऐम के के अंदेशों को मुस्तर्द करते हुए उन्हों ने कहा कि हुकूमत ने तरमीमात की है और रियास्ती हुकूमतों की मंज़ूरी के बगै़र आलामीया जारी नहीं किया जाएगा ।

इन जमातों ने लोक आयुक़्त के क़ियाम को वफ़ाक़ी ढांचा पर हमला से ताबीर किया था । इस बल को दस्तूरी मौक़िफ़ फ़राहम करने के मुआमला में हुकूमत को नाकामी का सामना करना पड़ा। उसे दस्तूरी मौक़िफ़ देने की तजवीज़ दरअसल राहुल गांधी ने पेश की थी लेकिन ऐवान में हुकूमत को दो तिहाई अक्सरीयत हासिल ना हो सके। लोक पाल बल के तमाम तीन इसतारों पर राय दही के लिए हुकूमत दरकार अक्सरीयत साबित ना करसकी। ऐवान में इन तीन फ़िक़्रों पर राय दही के दौरान ड्रामाई मुनाज़िर देखने में आए क्योंकि हुकूमत उस की ताईद के लिए दरकार 273 अदद तक नहीं पहुंच पा रही थी इस के नतीजा में स्पीकर मीरा कुमार को ये शक़ बल से हज़फ़ करना पड़ा।

क़ाइद ऐवान परनब मुकर्जी ने ब्रहमी के आलम में उसे जमहूरीयत का अफ़सोसनाक दिन क़रार दिया। उन्हों ने इस सूरत-ए-हाल के लिए अप्पोज़ीशन बिलख़सूस बी जे पी को ज़िम्मेदार क़रार देते हुए ख़बरदार किया कि अवाम उन्हें सबक़ सिखाएगी। बल के इस्तिआरा 2 के हक़ में 247 वोट डाले गए और मुख़ालिफ़त में 178 वोट डाले गए जबकि इस्तिआरा 3 के मुआमला में 251 वोट ताईद में और 179 वोट मुख़ालिफ़त में थी। इसी तरह इस्तिआरा 1 की ताईद में 250 और मुख़ालिफ़त में 180 वोट डाले गये।

सदर नशीन यू पी ए सोनीया गांधी और क़ाइद ऐवान परनब मुकर्जी को वोटों की गिनती के दौरान फ़िक्रमंद देखा गया। बाअज़ बी जे पी अरकान को ये इल्ज़ाम आइद करते हुए सुना गया कि लॉबी को खुला रखा गया है लेकिन स्पीकर मीरा कुमार ने बार बार ये बात दुहराई कि तमाम लॉबी बंद हैं और उन्हों ने उसे खुला ना रखने का हुक्म दिया है ।

उन्हों ने कहा कि इस तरह के इल्ज़ामात आइद करना अच्छी बात नहीं और वो किसी तरह के शुबहात में मुबतला ना होते हुए पूरा भरोसा रखें। एक मरहला पर स्पीकर ने कहा कि कुर्सी-ए-सदारत के ताल्लुक़ से अंदेशे ज़ाहिर करना ग़लत है और मेहरबानी कर के अरकान ऐसा ना करें। लोक पाल और लोक आयवकत को दस्तूरी मौक़िफ़ देने की स्टैंडिंग कमेटी ने भी हिमायत की थी।

सरकारी बंच्स बिशमोल वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह क़ाइद ऐवान परनब मुकर्जी और सदर नशीन यू पी ए सोनीया गांधी के चेहरों पर उस वक़्त फ़िक्र के आसार नुमायां थे जब क़ाइद अपोज़ीशन सुषमा स्वराज ने कहा कि इस बल की मुख़्तलिफ़ शक़ों पर राय दही के लिए ख़ुसूसी दरकार अक्सरीयत हासिल नहीं है ।

दस्तूरी तरमीमी बल की कामयाबी केलिए ऐवान में मौजूद अरकान की 50 फ़ीसद से ज़ाइद की ताईद ज़रूरी है जिन में से दो तिहाई की ताईद लाज़िमी है। लोक पाल बिल को नदाई वोट से मंज़ूर किया गया । ऐवान में क्रप्शन का इन्किशाफ़ करने वालों को तहफ़्फ़ुज़ फ़राहम करने से मुताल्लिक़ बिल को भी मंज़ूरी दे दी गई ।