तालिबान की धमकियों के बावजूद आाज अफगानिस्तान के ब़डे हिस्सों में पुर अमन तरीके से सदारती चुनावों के लिए वोट डाले गए। हालांकि दूर दराज के इलाकों के वोटिंग के मराकिज़ पर छिटपुट हमलों की खबरें हैं। इस चुनाव के जरिए देश के 5000 बरसों की तारीख़ में पहली बार जम्हूरी तरीके से इख्तेदार की तबदीली हो रही है।
लाखों लोगों ने इन्ते़खाबी में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। लोगों के जोशऔर ब़डी तादाद के मद्देनजर बाद में वोटिंग के वक़्त को एक घंटा और बढ़ाया भी गया। मुल्क में फर्जी वोटिंंग की जहां दो सौ शिकायतें सामने आयीं वहीं कुछ इलाकों में खाली वोटिंग बाक्स को नदी में बहाने की खबरें हैं।
जुनूबी शहर कलात में सड़क किनारे हुए विस्फोट में वोटिंग के मराकिज़ से लौट रहे दो पुलिसवालोंं की मौत हो गई जबकि दो घायल हो गए। एक और हमले में जुनूब मशरिक़ी इलाक़े लोगार में वोटिंग के मराकिज़ पर हुए धमाकोंं में चार वोटर जख्मी हो गए।
तालिबान ने पहले से ही चुनावों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी फैलाने और रोकने का इन्तेेेबाह दिया था। उसने चुनावों को अमेरिकी साजिश बताते हुए लोगों को इससे दूर रहने का इन्तेेेबाह दिया था। इसके बावजूद बड़े पैमाने पर वोटरों ने धमकियों की परवाह नहीं की।
इख्तेदार से बेदखल करने के बाद से अमेरिका अफगानिस्तान की माली मदद और अफगान हिफाज़ती दस्तों ट्रेनिंग पर 90 अरब डॉलर [करीब 540 अरब रुपये] खर्च कर चुका है। साल 2014 के आखिर तक यहां से नाटो दस्तों की रवानगी हो जाएगी और मुह्क की हिफाज़त की बागडोर अफगानिस्तान कीअफ़वाज के हाथ में होगी।
इब्तेदाई नतीजों का एलान 24 अप्रैल को होगा। अगर कोई उम्मीदवार 50 प्रति फीसद वोोट हासिल नहीं कर पाता है तो ‘रन ऑफ’ चुनाव मई के आखिर में