एक अमरीकी रोज़नामे के मुताबिक़ ईरान गुज़िश्ता अर्से में ख़ामूशी से तालिबान के साथ मरासिम बढ़ाता रहा है और अब ईरान ना सिर्फ़ तालिबान के लिए नए जंगजू भर्ती कर रहा है बल्कि उन की तर्बीयत में मदद फ़राहम कर रहा है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक़ मग़रिबी सिफ़ारतकारों का कहना है कि ईरान की जानिब से तालिबान को असलहे, गोला बारूद और माली मदद में इज़ाफे़ के बाद अफ़्ग़ानिस्तान में अमन की नाज़ुक सूरते हाल को मज़ीद ख़तरात का सामना है।
सिफ़ारतकारों का कहना है कि तालिबान के बारे में ईरान की हिक्मते अमली के दो पहलू हैं, एक जानिब ईरान ख़ित्ते में अमरीका के बढ़ते हुए असर और नफ़ुज़ को रोकना चाहता है जबकि दूसरी जानिब वो अफ़्ग़ानिस्तान में दौलते इस्लामीया के फैलाव के ख़िलाफ़ तालिबान को तैयार करना चाहता है।