ईरान ने अमेरीका से निमटने के लिए अपने मुल्क के मशरिक़ी हिस्से में तालिबान को दफ़्तर खोलने की इजाज़त दे दी। अमेरीकी अख़बार वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक़ अमेरीका की जानिब से ईरान के मुतनाज़ा ( विवादित) एटमी प्रोग्राम के ख़िलाफ़ सख़्त इक़दामात ( कार्यनिष्पादन) उठाने और इसकी तंसीबात ( निर्माण) को मुम्किना हमलों का निशाना बनाने की धमकीयों के बाद तेहरान ने जवाबी इक़दामात उठाने का फ़ैसला किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है ईरान ने अपने मुल्क के मशरिक़ी हिस्से में तालिबान को अपना दफ़्तर खोलने की इजाज़त देने के इलावा उन्हें ज़मीन से फ़िज़ा ( हवा) में मार करने वाले चंद मीज़ाईलों की फ़राहमी पर भी बातचीत की जा रही है। रिपोर्ट में सीनीयर अफ़्ग़ान और योरोपी ओहदेदारों का हवाला देते हुए कहा गया है कि तेहरान अफ़्ग़ानिस्तान में भी अपना असर-ओ-रसूख़ बढ़ा रहा है और वो चाहता है कि वो अपने नज़रियात और मज़हबी इक़दार को मज़ीद ( अतिरिक्त) वुसअत ( ताकत) दे ताकि वो अपने मतलूबा ( वांछित) मक़ासिद ( मकसदें) हासिल कर सके।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान और अफ़्ग़ानिस्तान में मौजूद तालिबान अमेरीका को एक बड़ा दुशमन तसव्वुर करते हैं और यही दोनों ममालिक ( देशों) के दरमयान क़ुरबत (करीबी) की अहम ( मुख्य) वजह है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तहरान ने मुल्क के मशरिक़ी इलाक़े ज़ैदान में तालिबान को रवां साल मई के आख़िर में अपना दफ़्तर खोलने की इजाज़त दी। रिपोर्ट में एक और सफ़ीर ( राजदूत) अफ़्ग़ान ओहदेदार का हवाला देते हुए कहा गया है कि ईरान निचली सतह पर अस्लह की मुज़ाहमत कारों को मुआवनत फ़राहम करने के इलावा उन्हें तर्बीयत (Training/प्रशिक्षण) भी दे रहा है।