तालिबान को बात-चीत का एक और मौक़ा देने का एलान

पाकिस्तानी तालिबान को बात-चीत की मेज़ पर आने का ताज़ा मौक़ा देने की कोशिश करते हुए वज़ीरे आज़म पाकिस्तान नवाज़ शरीफ़ ने कहा कि एक चार रुक्नी कमेटी अमन मुज़ाकरात की निगरानी के लिए आज तशकील दी गई है।

इस तरह उन्हों ने ममनूआ अस्करीयत पसंद ग्रुप के ख़िलाफ़ फ़ौजी कार्रवाई के यक़ीनी इमकानात की क़ियास आराईयों को मुस्तरद कर दिया। ताहम वाज़ेह किया कि दहश्तगर्द हमले रोक दिए जाने चाहिए।

बात-चीत और दहश्तगर्दी साथ साथ नहीं चल सकती। उन्हों ने ये भी कहा कि हुकूमत के तमाम हथियार तैयार हैं और हुकूमत कबायली इलाक़ा में दहश्तगर्दों के ख़िलाफ़ फ़ौजी कार्रवाई से गुरेज़ नहीं करेगी।

लेकिन चाहती है कि तमाम मुताल्लिक़ा फ़रीक़ैन दहश्तगर्दी को कुचलने के लिए बात-चीत पर आमादा हो जाएं। उन्हों ने कहा कि कुल जमाती कान्फ़्रैंस तलब की गई है ताकि दहश्तगर्दी के ख़िलाफ़ इत्तिफ़ाक़े राय पैदा किया जा सके। पाकिस्तान के इदारे और अवाम दहश्तगर्दों के हमलों का निशाना बन रहे हैं जबकि इस्लाम ने बेक़सूर अफ़राद की हलाकतों की मुज़म्मत की है। इस्लाम का दहश्तगर्दी से कोई ताल्लुक़ नहीं।