तालिबान से भी खतरनाक बिहार के मुजरिम : वहां ‘मलाला’ थी, यहां ‘उज्मा’

पटना 30 जून : इस लड़की को गौर से देखिए। यह मलाला नहीं है। यह तो उज्मा आरा है। मलाला से भी ज्यादा भयानक तरीके से बिहार के बदमाशों ने उज्मा का भुजाली से हाथ काट दिया। लेकिन मलाला जैसी किस्मत उज्मा आरा की नहीं है। मलाला के लिए पूरी दुनिया खड़ी हो गई थी और उज्मा के लिए कोई नहीं।

पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सर्जरी वार्ड में बेसुध पड़ी इस लड़की की उम्र आठ साल है और बदमाशों ने उसका दायां हाथ भुजाली से काट दिया। इस लड़की का कसूर क्या था? यह कि वह अपने चार साल के भाई के अगुआ के मामले में अहम गवाह थी। पुलिस कुछ नहीं कर रही थी तो थक-हार कर यह लड़की अपने अहले खाना के साथ पटना आई थी। हुकूमत से फरियाद करने।

दरभंगा की आठ साला बच्ची उजमा आरा का हाथ भुजाली से नहीं, बल्कि ट्रेन से कटा था। यह बात पुलिस कह रही है। हालांकि, उसके वालिद ऐनुल अंसारी अपने बयान पर कायम है। अंसारी ने दरभंगा के बॉबी खां और उसके साथियों पर राजेंद्रनगर टर्मिनल के पास भुजाली से हाथ काटने और 14 हजार लूटने का इलज़ाम लगाया था।

उधर, पीएमसीएच में उजमा का इलाज करा रहा उसका वालिद अब भी बयान पर कायम है।
उजमा आरा का हाथ 15-20 लोगों ने मिल कर काटा। बाल हक तहफ्फुज़ कमीशन की टीम सनीचर को बच्ची का हाल-चाल जानने पीएमसीएच पहुंची। रुकन शिवशंकर निशाद ने बच्ची का बयान भी लिया, जिसमें उसने बताया कि 15-20 लोगों ने मिल कर उसका हाथ काट दिया।

वहीं, बच्ची के वालिद ऐनुल अंसारी ने बताया कि बॉबी खां के गुंडों ने भुजाली से उसका हाथ काट डाला। कमीशन की सदर निशा झा ने बताया कि जुमे की रात से वाकिया की पूरी मालूमात ली जा रही है। आइजी से बात की गयी है। बच्ची को इन्साफ दिलाने की कोशिश की जा रही है। उसके भाई के अगवा की छानबीन की जा रही है। बच्ची का मुनासिब इलाज़ हो इसके लिए कमीशन एक्तेसादी मदद कर रहा है। मामले की मॉनीटरिंग के लिए कमीशन की दो रुकनी शोभा प्रकाश और शिव शंकर को लगाया गया है।