असम के शिवसागर जिले के नाजिरा वाकेय् केंद्रीय विद्यालय की आठवीं क्लास की तालिबा गुंजन शर्मा ने 10 बच्चों की जान बचाने के लिए खुद को अगवाकारो के हवाले कर दिया। बाद में मौका देखते ही वह इनके के चंगुल से भाग निकली। असम के वज़ीर ए आला तरुण गोगोई ने 12 साला गुंजन की बहादुरी की तारीफ करते हुए अवार्ड के लिए उसके नाम की सिफारिश सदर ए जम्हूरिया के पास भेजने का मैलान किया है।
सिमलगुड़ी बाजार में बुध के रोज़ दोपहर एक नौजवान पिस्तौल लेकर फिल्मी अंदाज में 11 स्कूली बच्चों से भरी वैन में घुसा और उन्हें अगवा कर लिया। हथियार का डर दिखाकर नौजवान वैन को नागालैंड की ओर लेकर चल दिया। बहादुर गुंजन ने बताया कि वैन में केजी से दूसरी क्लास तक के बच्चे थे, जो पिस्तौल देख काफी डर गए थे। इस बीच वैन एक नाले में फंस गई तो नौजवान (hijackers) क्लास दो की तालिबा अनन्या बरगोहाई समेत दिगर दो तालेबा को अपने साथ ले जाने लगा।
उसने hijackers से सभी बच्चों को छोड़ खुद को साथ ले जाने की गुजारिश की , जिसे नौजवान ने मान लिया। वह उसे पैदल ही नगालैंड के जंगल की ओर लेकर चल दिया। इस दौरान सीआरपीएफ, असम राइफल्स के जवान और नगालैंड पुलिस रात भर उसकी तलाश करती रही। बहादुर गुंजन ने बताया कि ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर चलने के बाद नौजवान ने एक बांस के झुरमुट में रात बिताने को कहा।
सुबह मौका पाकर वह जंगल से भाग निकली। गांव वालो की इत्तेला पर पहुंची पुलिस ने उसे सिमलगुड़ी लाकर खानदान वालों को सौंप दिया।