तालिबे इल्म को मिलेंगे स्कूल बैग और पानी की बोतल

पढ़ने लिखने के लिए हौसला अफजाई के लिए हुकूमत जल्द ही स्कूली तालिबे इल्म को स्कूल बैग और पानी की बोतल मुहैया करायेगी। इस मंसूबा का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। यह ऐलान जुमेरात को एसेम्बली में तालीम वज़ीर वृशिण पटेल ने की। वह एवान में तालीम महकमा की ग्रांट मुतालीबात पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। उनके जवाब से ओपोजीशन एवान से वाकआउट कर गया। एवान ने तालीम महकमा की 243 अरब, 15 करोड़, 18 लाख और 92 हजार की ग्रांट मांगें मंजूर कर दीं। ग्रांट मांगों पर भाजपा के विक्रम कुंवर से कटौती तजवीज पेश किया था।

तालीम वज़ीर ने कहा कि तालिबे इल्म को साफ-सुथरा मिड डे मिल मिले, इसके लिए सेंट्रलाइज किचेन की निज़ाम की जा रही है। हुकूमत ने सेंट्रलाइज किचेन की जिम्मेदारी एनजीओ अदारों को देने का फैसला किया है। तालीम को बढ़ावा देने और गार्जियन को बेदार बनाने के लिए हुकूमत खुसुसि मुहिम भी चलायेगी। एसेम्बली और विधान परिषद के मेंबरों की कमेटी भी बनायी जायेगी। कमेटी के सुझाव पर तालीम के शोबे में तरक़्क़ी के काम किये जायेंगे।

उन्होंने कहा कि हुकूमत बिहार में तालीम का माहौल पैदा करना चाहती है। किसी भी हाल में जीतन राम मांझी की हुकूमत सूबे की तालीम निज़ाम को दम तोड़ने नहीं देगी। जब हमारी हुकूमत बनी थी, तब पेड़ के नीचे स्कूल चल रहे थे। अब वह हालत नहीं है। बड़े पैमाने पर स्कूल इमारतों की तामीर हुआ है। प्राइमरी स्कूलों में असातिज़ा तकर्रुरी का काम जल्द ही पूरा हो जायेगा।

ओपोजीशन के कटौती तजवीज के हिमायत में भाजपा एमएलए रामेश्वर चौरसिया ने कहा कि सात हजार सरकारी स्कूलों में हेडमास्टर नहीं हैं। सरकारी स्कूलों में ढ़ूंढ़ने से भी अच्छे टीचर नहीं मिल रहे। किसी भी 10+2 स्कूल में 15 टीचर नहीं हैं। उन्होंने गुजरात का हवाला देते हुए कहा कि आठ साल पहले वहां महज आठ यूनिवर्सिटी थे, आज 43 हैं। अगर हुकूमत आज़म ले, तो बिहार में भी यह हो सकता है। ग्रांट मांगों पर हुई बहस में उषा सिन्हा, अब्दुल गफूर, विनोद नारायण झा, दुर्गा प्रसाद, अरुण कुमार, नितिन नवीन, ज्योति रश्मि, मंजू देवी, पवन कुमार जायसवाल, विजय कुमार सिन्हा और कृष्णनंदन यादव ने भी अपनी-अपनी बातें रखी।