रांची यूनिवर्सिटी में कई वोकेशनल कोर्स शुरू किये गये, लेकिन तालिबे इल्म के गैर मौजूदगी में इनको बंद कर देना पड़ा। मिली जानकारी के मुताबिक यूनिवर्सिटी ने अब तक सात से ज़्यादा कोर्स बंद कर दिये हैं। इनमें से कई कोर्स ऐसे थे, जिनमें 10 से भी कम तालिबे इल्म थे, जबकि इन्हें पढ़ानेवाले असातिज़ा की तंख्वाह पर हजारों रुपये खर्च हो रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक यूनिवर्सिटी ने डोरंडा कॉलेज में चल रहे ट्रेवेल एंड टूरिज्म एंड ट्रेवेल मैनेजमेंट कोर्स को किसी तरह पांच साल तक चलाया। उसके बाद इसे बंद कर दिया। इसी तरह पीजी होम साइंस में बेकरी पर चलाये गये कोर्स को दो साल चलाने के बाद बंद कर देना पड़ा। पीजी जेओग्राफी में जेमोलॉजी व इनवायरमेंटल मैनेजमेंट कोर्स नहीं चले। मारवाड़ी कॉलेज में योगा कोर्स को भी बंद कर देना पड़ा। पीजी सोशल साइंस में सोशल वर्क कोर्स शुरू होने से पहले ही बंद कर दिया गया। इसी तरह पीजी बॉटनी महकमा में मेडिसिनल प्लांट पर शुरू किये गये कोर्स को भी तालिबे इल्म के नहीं रहने की वजह बंद कर दिया गया है।
इनमें से कुछ कोर्स को एक बार फिर से शुरू करने की मंसूबा बनायी गयी है। इनमें पीजी बॉटनी महकमा में मेडिसिनल प्लांट पर शुरू किया गया कोर्स शामिल है। इनके अलावा पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट, पीजी सायकोलोजी महकमा में पीजी डिप्लोमा इन क्लिनिकल साइकोलॉजी समेत पीजी डिप्लोमा इन वीमेंस स्टडी, पीजी डिप्लोमा इन गांधियन थॉट, पीजी डिप्लोमा इन वास्तुशास्त्र, पीजी बांग्ला में म्यूजिक वगैरह कोर्स नहीं चले या फिर शुरू ही नहीं हो सके।
पीजी संस्कृत महकमा में चल रहे ज्योतिर्विज्ञान कोर्स को भी इस सेशन से बंद कर दिया गया है। इसमें रेगुलेशन की मंजूरी नहीं मिलने की वजह से मसला पैदा हो रहा था। इसके अलावा यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने इनवायरमेंटल साइंस, मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन समेत कॉमर्स से मुतल्लिक़ एक कोर्स को बंद कर दिया।