तालिब-ए-इल्म की बहीमाना मौत पर दिनी मदारिस बोर्ड तेलंगाना-ओ‍-आंध्र प्रदेश का रद्द-ए-अमल

दीनी मदारिस बोर्ड तेलंगाना-ओ‍-आंध्र प्रदेश के उहदेदारान , मौलाना शाह मुहम्मद जमाल अल रहमन सदर , मौलाना अहमद मुही अलाउद्दीन निज़ामी , मौलाना सफ़ी अहमद मदनी , मौलाना मीर क़ुतुब अलाउद्दीन अली चिशती (नायब सदर ) , मौलाना ख़ालेद सैफुल्लाह रहमानी ( जनरल सैक्रेटरी ) , मौलाना ग़ियास अलाउद्दीन रहमानी , जनाब रहीम अलाउद्दीन अंसारी , मौलाना हाफेज़ ख़्वाजा नज़ीर अलाउद्दीन सुबेली ( सैक्रेटरीज़ ) , मौलाना अब्दुह लकवे ( ख़ाज़िन ) , मौलाना मक़सूद यमानी ( आर्गेनाईज़र ) नीज़ और दीगर ने बयान में फ़रस्ट लांसर में वाक़्य एक दीनी मुदर्रिसा के तालिब-ए-इल्म शेख मुस्तफ़ा अलाउद्दीन को ज़िंदा जलाने के वाक़िये की मज़म्मत की और कहा है कि ये इंतेहाई बद बख्ताना और लाक़ानूनीयत पर मबनी दिल दहला देने वाला वाक़िया है।

फ़ौजियों ने महेज़ 11 साला तालिब-ए-इल्म को किसी सबब के बगैर बुलाया और इसी इंसानियत सोज़ हरकत की कि गुंडा अनासिर भी एसा नहीं करते , ना ये सिर्फ़ एक मासूम बच्चा का क़तल है बल्कि क़ानून के रखवालों और अमन के मुहाफ़िज़ीन की जानिब से क़ानून का क़तल है , दीनी मदारिस बोर्ड तेलंगाना-ओ‍-आंध्र ने हुकूमत से मुतालिबा किया कि पूरी ज़िम्मेदारी और तेज़ रफ़्तारी के साथ इस वाक़िये की तहक़ीक़ की जाये , मुजरमीन के ख़िलाफ़ क़तल का मुक़द्दमा दर्ज किया जाये और उन्हें कैफ़र किरदार तक पहोनचएआ जाये नीज़ मक़्तूल के वालदैन को मुआवज़ा अदा किया जाये बोर्ड ने कहा कि मिल्ट्री कैंम्प की वजह से बार बार इलाक़े में आबाद मकीनों को हिरासाँ किया जाता है और ख़वातीन को तंग किया जाता है।

इसलिए हुकूमत को चाहिए कि इस का हल निकाले और फ़ौजी कैंम्पों को आबा दियों से दूर रखे।