तालीमी इदारों पर मग़रिबी तहज़ीब मुसल्लत करने की कोशिश

मर्कज़ी हुकूमत मग़रिबी तहज़ीब को तालीमी इदारों पर मुसल्लत करने की कोशिश में है हिंदूस्तान का मुस्लमान मुल्क के क़ानून का एहतेराम करता है, लेकिन हुकूमत कोई ऐसा क़ानून नाफ़िज़ करे क़ुरआन-ओ-हदीस से टकराता हो मुस्लमान उसे कभी बर्दाश्त नहीं करता।

क़ानून हक़ लाज़िमी तालीम से दीनी मदारिस को मुस्तसना रखा जाए। हमजिंस ताल्लुक़ात अमेरीका का मुसल्लत कर्दा क़ानून है जिस की मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड सख़्त मुज़म्मत करती है इन ख़्यालात का इज़हार खम्मम के भकता रामदास कल्ला कशीतरम में मुनाक़िदा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की आईनी हुक़ूक़ बचाओ तहरीक के जल्सा-ए-आम से मौलाना अबदुर्रहीम क़ुरैशी मौलाना तक़ी रज़ा आब्दी, मौलाना हेसाम उद्दीन सानी (जाफ़र पाशा ) मौलाना मतीन उद्दीन कादरी ने किया।

सदर तामीर मिल्लत-ओ-स्टेट जनरल सेक्रेटरी मुस्लिम परनसल ला बोर्ड जनाब अबदुर्रहीम क़ुरैशी ने मुख़ातिब करते हुए कहा कि मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड शरीयत में मुदाख़िलत को बर्दाश्त नहीं करेगा उन्होंने कहा कि मुल्की सतह पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की जानिब से आईनी हुक़ूक़ बचाओ तहरीक के जो जलसा मुनाक़िद किए जा रहे हैं जिस मक़सद हुकूमत की जानिब से मुस्लिम पर्सनल ला के अंदर वक्ता फ़ौक़ता जो मुदाख़िलत की जा रही है इसके सद्द-ए-बाब के लिए और मिल्लत में शऊर बेदार करने के लिए ये प्रोग्राम्स मुनाक़िद किए जा रहे हैं।

हमारी हुकूमत अमेरीका के दबाव में आकर आए दिन नए क़वानीन नाफ़िज़ कर रही है जिसकी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड सख़्ती से मुज़म्मत करती है। उन्होंने कहा कि क़ानून हक़ लाज़िमी तालीम का बिल जो पार्लीमैंट में ज़ेर-ए-ग़ौर है। मर्कज़ी वज़ीर कपिल सिब्बल ने 2000 से मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के ज़िम्मेदारों को इस बिल में तरमीम करने की तीक़न देते आ रहे हैं लेकिन ता वक़्तिया इस बिल के अंदर कोई तरमीम नहीं की गई।

मौलाना अबदुर्रहीम क़ुरैशी ने दो टोक अंदाज़ में कपिल सिब्बल से अपील की है कि फ़िलफ़ौर क़ानून हक़ लाज़ि तालीम बिल में फ़ौरी तरमीम की जाये और दीनी मदारिस को इस बिल से मसतसनी रखा जाए।

इस मौक़ा पर आलम ए दीन मौलाना तक़ी रज़ा आब्दी ने ख़िताब करते हुए कहा कि जो क़ौम बेदार रह कर हालात का मुक़ाबला करती है अल्लाह ताला उस क़ौम की मदद और नुसरत करते हैं और जो क़ौम ख़्वाब ए ग़फ्लत में रहती है। अल्लाह ताला उस क़ौम को ज़वालपज़ीर करते हैं। आज ज़रूरत इस बात की है कि उम्मत ए मुस्लिमा बेदार होकर ज़िंदगी गुज़ारें और हालात का मुक़ाबला करें, मगर अफ़सोस की बात ये है कि आज उम्मत ए मुस्लिमा ख़्वाब ए ग़फ़लत में पड़ी हुई है जिस की वजह से अग़यार मुत्तहिद होकर उम्मत ए मुस्लिमा पर टूट पड़ रहे हैं।

और अल्लाह का क़ानून ये है कि जो क़ौम ख़ाब-ए-ग़फ़लत में ज़िंदगी गुज़ारती है अल्लाह ताला उस क़ौम को सफ़ाहती से मिटा देते हैं आज उम्मत ए मुस्लिमा के अंदर इत्तेहाद का फ़ुक़दान पाया जाता है। ज़रूरत इस बात की है कि आज मुस्लमान अपने सफ़ों में इत्तेहाद को पैदा करें और वही क़ौम कामयाब हो सकती है जिसके इंदिरा इत्तेहाद‍ ओ‍ इत्तेफ़ाक़ हो।

इस मौक़ा पर मौलाना हुसाम उद्दीन सानी जाफ़र पाशा नाज़िम दार-उल-उलूम हैदराबाद-ओ-रुकन आमिला मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने अपने ख़िताब में कहा कि मुस्लमान अल्लाह-ओ-रसूल (स०अ०व०) की इताअत में ज़िंदगी गुज़ारें जैसा कि अल्लाह ताला ने क़ुरआन मजीद के अंदर मुतालिबा किया कि ऐ ईमान वालो! पूरे के पूरे ईमान में दाख़िल होजा और शैतान की इत्तिबा ना करो।

इसलिए कि शैतान ईमान वालों का खुला हुआ दुश्मन है। आज ज़रूरत इस बात की है कि उम्मत ए मुस्लिमा शरीयत पर मुकम्मल अमल पैरा रहे। मुस्लमान अपने किरदार,अपने अख़लाक़, मुआमलात, तिजारत और दियानतदारी के ज़रीया पहचाना जाता है, मगर अफ़सोस ये है कि आज ये तमाम चीज़ें हमारे अंदर से ख़तम होते जा रहे हैं।

आज का ये जलसा इस बात का गवाह है कि मुस्लमान हरगिज़ उस चीज़ को बर्दाश्त नहीं करेगा कि हुकूमत शरीयत के अंदर मुदाख़िलत करे हुकूमत अगर इन चीज़ों से बाज़ ना आए तो फिर हर मोड़ पर मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड हुकूमत वक़्त को ललकारेगा और तआक़ुब करेगा, मगर ये जब ही पैदा होगा कि हम इत्तेहाद इत्तेफ़ाक़ के साथ रहते हुए हालात का मुक़ाबला करें।

उन्होंने कहा कि पर्सनल ला बोर्ड मुस्लमानों का वो अज़ीम प्लेटफार्म जिसमें तमाम मसलक के मानने वाले उलमाए किराम-ओ-दानिश्वर इन का अहम प्लेटफार्म है, जिसके ज़रीया से ये पैग़ाम हुकूमतों तक पहुंचाना चाहते हैं कि शरीयत के अंदर मुदाख़िलत की कोशिश की जाये तो मुस्लमान उसे कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।

इस मौक़ा पर मौलाना मुतय्यन अली उद्दीन कादरी नायब मोतमिद उमूमी तामीर मिल्लत हैदराबाद ने अपने ख़िताब में कहा कि हमजिंस ताल्लुक़ात का जो क़ानून हुकूमत लाना चाहती है, ये मग़रिबी तहज़ीब की देन है। उन्होंने कहा कि इससे मुस्लमान तो मुस्लमान, अग़ियार भी इस क़ानून से नफ़रत करते हैं।

ये कैसी हमाक़त है कि मर्द की शादी मर्द से हो? जिसके ज़रीया एच आई वी तेज़ी से फैलता है, जो लाइलाज मर्ज़ है। हुकूमत को चाहीए कि इन तमाम बेहूदा क़वानीन से दस्तबरदार हो जाए। जलसा की कार्रवाई कन्वीनर जलसा हाफ़िज़ ज़की उल्लाह ने चलाई। जलसा का आग़ाज़ हाफ़िज़ अमीर उद्दीन की क़रा॔त कलाम पाक से हुआ और मौलाना अली असग़र ने नाअत शरीफ पेश की। हाफ़िज़ रुशीद उद्दीन सेक्रेटरी जमात-ए-इस्लामी हैदराबाद, मौलाना अरशद अली क़ासिमी सेक्रेटरी मजलिस तहफ़्फ़ुज़ ख़तम नबुव्वत आंधरा प्रदेश, जनाब मुहम्मद असद, माहिर तालीम-ओ-कन्वीनर मुस्लिम पोराटा हुक़ूक़ समीति खम्मम ने भी ख़िताब किया।

मौलाना हिमायत उल्लाह, मौलाना सैयद अहमद क़ासिमी, मुफ़्ती अब्दुल रउफ़, मौलाना अबदुल सत्तार, मौलाना अबदुल ग़नी, मौलाना इनायत उल्लाह के इलावा अवाम की कसीर तादाद जलसा में शरीक थें।