तालीम-ओ-सेहत के शोबों में इस्लाहात के लिए मबाहिस पर-ज़ोर

हैदराबाद 22 मार्च: चीफ़ मिनिस्टर के चन्द्रशेखर राव‌ ने अरकाने असेंबली से अपील की के वो रियासत में तालीम और सेहत के शोबों में इस्लाहात के लिए खियालात पेश करें। चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि वो चाहते हैके असेंबली में इन दोनों मौज़ूआत पर तफ़सीली मबाहिस हूँ और अरकान इन शोबाजात से बेहतर अवामी ख़िदमात को यक़ीनी बनाने के लिए खियालात पेश करें।

उन्होंने कहा कि हुकूमत तालीम को एक छत के नीचे लाने पर ग़ौर कर रही है और इबतेदाई तालीम से पेशावराना कोर्सस को एक छत के नीचे लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ख़ानगी मदारिस से यूनीवर्सिटी की तालीम तक एवान में तफ़सीली मबाहिस होने चाहीए। उन्होंने स्पीकर से अपील की के वो तालीम-ओ-सेहत पर जारीया सेशन में मबाहिस के लिए वक़्त मुक़र्रर करें।

उन्होंने कहा कि रियासत में मौजूद ग़ैर मुस्लिमा मदारिस को मंसूख़ करने से उनमें ज़ेरे तालीम तलबा का नुक़्सान होगा। वो किसी भी सूरत में स्टूडेंट्स का नुक़्सान नहीं चाहते। अरकान को चाहीए कि वो मबाहिस के बाद हुकूमत को इस सिलसिले में तजावीज़ पेश करें। क़ानून हक़ तालीम का हवाला देते हुए चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि इस पर अमल आवरी से कई दुश्वारियाँ पैदा हो सकती हैं और एक लाख 40 हज़ार असातिज़ा के लिए कोई काम बाक़ी नहीं रहेगा।

चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि मर्कज़ में बरसर-ए-इक्तदार पार्टीयां अपने दौर में जो फ़ैसले कर रही हैं, इस से रियासतों को दुशवारी पेश आरही है। यूपीए हुकूमत ने मॉडल स्कूल स्कीम का आग़ाज़ किया था जिसे मौजूदा एनडीए हुकूमत ने ख़त्म कर दिया। लिहाज़ा इस स्कीम का बोझ रियासतों पर पड़ चुका है। चीफ़ मिनिस्टर ने बताया कि यूपीए हुकूमत ने इक़तिदार के आख़िरी दिनों में क़ानून हक़ तालीम को मंज़ूरी दी, जिसके तहत ख़ानगी स्कूलों में 25 फ़ीसद ग़रीब स्टूडेंट्स के दाख़िला को लाज़िमी क़रार दिया गया है। उन्होंने बताया कि तेलंगाना में एक लाख 40 हज़ार टीचर्स मौजूद हैं और इस क़ानून पर अमल आवरी से वो बेकार होजाएंगे। कई रियासतों में इस क़ानून के ख़िलाफ़ मर्कज़ से नुमाइंदगी की है। उन्होंने कहा कि क़ानून हक़ तालीम पर अमल आवरी की सूरत में सरकारी स्कूलस और सरकारी टीचर्स को ख़तरा लाहक़ हो जाएगा। चीफ़ मिनिस्टर ने बताया कि हुकूमत केजी ता पीजी मुफ़्त तालीम की फ़राहमी की स्कीम पर क़ायम हैं और इस के तहत अक़लियतों के लिए 70 अक़ामती मदारिस का जून से आग़ाज़ किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात और तक़ाज़ों को पेशे नज़र रखते हुए नई तालीमी और तिब्बी पालिसी तैयार की जानी चाहीए। उन्होंने बताया कि महिकमा फाइनैंस को हिदायत दी गई है कि मार्च और अप्रैल तक फ़ीस बाज़ अदायगी के तमाम बकायाजात जारी कर दे। चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि फ़ीस बाज़ अदायगी के लिए स्टूडेंट्स का एहतेजाज और कॉलेजस की तरफ से हरासानी अच्छी बात नहीं है। केसीआर ने कहा कि सरकारी दवाख़ानों के बारे में अवामी राय ठीक नहीं। उन्होंने कहा कि हुकूमत सरकारी दवाख़ानों की ख़िदमात को बेहतर बनाने पर धयान दे रही है।