तिब्बत को आज़ादी दिए बगै़र हिंद – चीन बातचीत बे माना

ज़ाइद अज़ एक दर्जन तिब्बतों ने जिनमें ख्वातीन भी शामिल थीं, ने आज हिंद और पाक के दरमयान जारी सरहदी बातचीत के ख़िलाफ़ एहतिजाज करते हुए हैदराबाद हाउस के रूबरू मुज़ाहरा किया। इन का मुतालिबा था कि चीन जब तक तिब्बत को आज़ादी नहीं दे देता उसे इस नौईयत की बातचीत में हिस्सा लेने का कोई अख़लाक़ी हक़ नहीं है।

तिब्बती शहरीयों के एहतिजाज की एक ख़ुसूसीयत ये थी कि उन्होंने अपने आप को तिब्बत के पर्चम में लपेट रखा था और अपने हाथों में चीन मुख़ालिफ़ प्ले कार्ड्स थाम रखे थे। इंडिया गेट से क़रीब वाक़्य हैदराबाद हाउस पर तिब्बती शहरी सुबह के औक़ात से ही जमा होना शुरू हो गए थे।

यहां इस बात का तज़किरा ज़रूरी है कि हैदराबाद हाउस ही वो मुक़ाम है, जहां वज़ीर-ए-ख़ारजा एस एम कृष्णा अपने चीनी हम मंसब यांग जाइची के साथ दो रुख़ी बातचीत में मसरूफ़ हैं। ऐसा मालूम होता है कि हुकूमत को भी शायद ये इल्म हो गया था कि इस बातचीत के ख़िलाफ़ एहतिजाज मुनज़्ज़म किया जा सकता है।

इसी लिए इंडिया गेट से हैदराबाद हाउस तक पुलिस अहलकारों (कर्म्चारियों) की काबिल लिहाज़ तादाद को ताय्युनात किया गया था। पुलिस अहलकारों ने नारेबाज़ी करने वाले एहतिजाजियों को अपनी तहवील में ले लिया। दरीं असना एक सीनीयर पुलिस अहलकार ने बताया कि हम ने एहतिजाजियों को जिन में ख्वातीन भी शामिल हैं, अपनी तहवील में लेकर क़रीबी पुलिस स्टेशन पहुंचा दिया है। इसी दौरान एक एहतिजाजी ने कहा कि तिब्बत को आज़ादी दिए बगै़र चीन को हिंदूस्तान के साथ सरहदी तनाज़आत के मुआमला पर मुज़ाकरात का अख़लाक़ी हक़ नहीं है।

चीन जैसे बड़े मुल्क के लिए तिब्बत और तिब्बतियों को फ़रामोश करते हुए बातचीत करना बद बख्ताना है।