हैदराबाद 06 मार्च: सिकंदराबाद के इलाके तिरुमलागिरी में 200 साला क़दीम ईदगाह का वजूद ख़तरे में बढ़ गया है। वक़्फ़ बोर्ड और मुताल्लिक़ा मिल्ट्री ओहदेदारों से मुक़ामी मुसलमानों की मुलाक़ात और दरख़ास्तें बेफ़ैज़ साबित हो रही हैं और ईदगाह को अपने हुदूद में लेने और हिसारबंदी करने का काम जारी है। बताया जाता है कि तिरुमलागिरी में 108 बाज़ार इलाके में वाक़्ये उस 200 साला क़दीम ईदगाह को साल 2002 में शहीद कर दिया गया था। उस वक़्त मुख़ालिफ़त और मुसलमानों के एहतेजाज के बाद ईदगाह को दूसरे मुक़ाम पर तामीर किया गया था। मुक़ामी मुसलमानों का कहना है कि अब हिसारबंदी के नाम पर ईदगाह को मुकम्मिल अपने घेरे में लिया जा रहा है।
बारहा नुमाइंदगी करने और वक़्फ़ बोर्ड को तवज्जा दहानी के बावजूद कोई बेहतर नताइज बरामद नहीं हो रहे हैं। मुक़ामी मुसलमानों के एक वफ़द मस्जिद अल-हफ़ीज़ के सदर कौसर पाशाह की क़ियादत में मल्काजगीरी के रुकने पार्लियामेंट मिला रेड्डी और मुक़ामी रुकने असेंबली साई अना से मुलाक़ात की और नुमाइंदगीयाँ पेश कीं। उस के अलावा डिप्टी जनरल ऑफीसरस अजए सिंह नेगी से मुलाक़ात करते हुए उन्हें एक याददाश्त पेश की और सारे वाक़िया-ओ-हालात से वाक़िफ़ करवाया और मिल्ट्री के इस आला ओहदेदार ने मुक़ामी मुसलमानों के इस वफ़द को यकीन दिया। बावजूद उस के तामीराती काम जारी हैं।
मुक़ामी मुसलमानों ने इस क़दीम ईदगाह के तहफ़्फ़ुज़ के लिए बेहतर इक़दामात करने की मुताल्लिक़ा मिल्ट्री के ओहदेदारों और रियासती हुकूमत से दरख़ास्त की है। मुक़ामी मुसलमानों के इस वफ़द में कौसर पाशाह के अलावा , जब्बार बाबा , शहबाज़ पाशाह , क़ैसर शरीफ़ , जीलान, सय्यद आरिफ़ और् दुसरे मौजूद है।