नई दिल्ली, ०५ जनवरी: ( पी टी आई ) क़ौमी दार-उल-हकूमत में वाक़्य तिहाड़ परिजंस मुल्क में ऐसी पहली जेल बन जाएगी जहां इस के अहाते में मुकम्मल बदन की जांच करने वाला स्कैनर नसब किया जा रहा है ताकि ममनूआ अशीया जैसे मुनश्शियात , मोबाईल फोन्स और हथियारों की क़ैदीयों की जानिब से स्मगलिंग का सद्द-ए-बाब किया जा सके।
ओहदेदारों ने कहा कि मुल़्क की इस सब से बड़ी जेल में आज़माईश के दो दौर कामयाबी से मुकम्मल कर लिए गए हैं । आर एन शर्मा डिप्टी इन्सपैक्टर जनरल तिहाड़ परिजंस ने कहा कि सारे हिंदूस्तान में हमारी पहली जेल रहेगी जहां बॉडी स्कैनर नसब किया जाएगा। इस का मक़सद क़ैदीयों की जानिब से अपने बदन में किसी भी तरह मुनश्शियात , मोबाईल फोन्स , करंसी नोटिस और हथियार जैसी ममनूआ अशीया को छिपाकर अंदर लाने की कोशिशों को रोकना है ।
उन्हों ने कहा कि ये ममनूआ अशीया की जांच मामूल की तलाशी या मेटल डिटेक्टर्स की मदद से नहीं की जा सकती है । बॉडी स्कैनर ऐसा आला है जो क़ैदीयों की जामा तलाशी लिए बग़ीरउन के सारे बदन का इमेज फ़राहम करता है और लिबास के अंदर छिपी अशीया भी वाज़िह नज़र आ जाती है।
ऐसे स्कैनर्स का कई मुल्कों में एयरपोर्टस और ट्रेन स्टेशनों पर इस्तिमाल बढ़ता जा रहा है जिस से ममनूआ अशीया की स्मगलिंग रोकने में मदद मिल रही है । तर्जुमान तिहाड़ जेल सुनील गुप्ता ने कहा कि इस स्कैनर का ट्रायल वोमेन्स परेज़ नस (जेल नंबर 6 ) और उन जेलों में भी किया गया जहां जेल नंबर 8 और 9 वाक़्य हैं।
इन जेलों के क़ैदी बदनाम-ए-ज़माना मुजरिमीन हैं । शर्मा ने कहा कि इस स्कैनर के लिए तक़रीबन 2.5 से 3 करोड़ रुपय की लागत आयेगी।