उत्तरप्रदेश की अखीलेश यादव हुकूमत ने बारह बनकी, फ़ैज़ाबाद और गोरख पूर के ज़िला मजिस्ट्रेटस और पोलीस ओहदेदारों को एक मुरासला रवाना करके उन से मुबय्यना दहश्तगर्द हकीम तारिक़ क़ासिमी, मौलाना ख़ालिद मुजाहिद, वगैरह की रिहाई के बारे में रिपोर्ट तलब की है। हुकूमत ने इन ओहदेदारों से दरयाफ़त किया है कि क्या वो मुबय्यना मुस्लिम दहश्तगरदों को जो नवंबर 2008 में फ़ैज़ाबाद, वाराणसी और लखनऊ में बम धमाकों के मुक़द्दमात में माख़ूज़ हैं।
इन के मुजरिमाना रेकॉर्ड्स और सरगर्मियों के बारे में हुकूमत को रिपोर्ट पेश की जाय। रियासती हुकूमत की इस कार्रवाई पर मुबय्यना बेक़सूर मुस्लिम दहश्तगरदों की रिहाई की मुहिम के रूह रवां वकील सफ़ाई मुहम्मद शेब ऐडवोकेट ने अपने सख़्त रवैय्या का इज़हार करते हुए उसे रियासती हुकूमत की तरफ से मुस्लमानों को बेवक़ूफ़ बनाने की कोशिश क़रार दिया है।
ऐडवोकेट मुहम्मद शेब ने कहा कि हकीम तारिक़ क़ासिमी और मौलाना ख़ालिद मुजाहिद की गिरफ़्तारी की तहकीकात के लिए मायावती हुकूमत ने सबकदोश डिस्ट्रिक्ट जज आर डी निमेश की ज़ेर सरबराही एक रुकनी कमीशन तशकील दिया था जिस ने अपनी रिपोर्ट हुकूमत को अर्सा पहले पेश करदी थी। उन्हों ने कहा कि इस रिपोर्ट की रोशनी में इन मुल्ज़िमों की रिहाई की कार्रवाई की जानी चाहीए।
इस बारे में बारह बनकी, फ़ैज़ाबाद, गोरख पूर के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेटस और पोलीस सरबराहों से दुबारा रिपोर्ट तलब करना दरहक़ीक़त यू पी के मुस्लमानों को बेवक़ूफ़ बनाने की अखीलेश यादव हुकूमत की एक कोशिश है।हुकूमत ने रिपोर्ट वसूल होने की इत्तिला ना तो ज़राए इबलाग़ को दी और ना रिपोर्ट का बरसर-ए-आम इन्किशाफ़(खुलासा) किया गया। इस से हुकूमत की बदनीती वाज़िह होजाती है। उन्हों ने कहा कि वो बेक़सूर मुलज़मीन की रिहाई की जद्द-ओजहद(कोशिश) जारी रखेंगे