तीन-तलाक़ का यह बिल मुसलमानों पर अपनी मर्जी थोपने जैसा है- शरद यादव

किशनगंज। जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने गुरुवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह इस्लामी विद्वानों से विचार-विमर्श किए बगैर फौरी तीन तलाक पर विधेयक लाकर अपनी मर्जी थोपना चाह रही है.

जदयू के एक अन्य बागी नेता अली अनवर के साथ यहां आए शरद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि तीन तलाक पर कोई भी कानून इस्लामी विद्वानों से विचार-विमर्श पर आधारित होना चाहिए.

हाल ही में राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किए गए जदयू के बागी शरद और अनवर ने गुरुवार को लोकसभा में पेश किए गए तीन तलाक विधेयक की आलोचना की.

शरद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तीन तलाक पर कोई भी कानून इस्लामी विद्वानों के साथ विचार-विमर्श पर आधारित होना चाहिए. लेकिन लोकसभा में विधेयक पेश करने से पहले ऐसा कुछ नहीं किया गया.

शरद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सरकार सदन में विधेयक पेश कर अपनी मर्जी थोपना चाह रही है और अपने बचाव में इधर-उधर की बातें कर रही है.