नई दिल्ली। तीन बहुचतीनितलाक़ बिल को लोकसभा से पास कराने के बाद राज्यसभा में आज भी पास नहीं करवा सकी मोदी सरकार। राज्यसभा में इस बिल को पास करवाने में इतनी बड़ी चुनौतीयों का सामना करना पड़ेगा, यह कभी नहीं सोची थी मोदी सरकार।
सदन में सत्ता पक्ष और विपक्षी नेताओं के हंगामे के बाद उपसभापति पीजे कुरियन ने सदन को शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
अब केंद्र सरकार के पास राज्य सभा में इस बिल को पास कराने के लिए केवल कल (शुक्रवार तक) का ही समय है। शुक्रवार को संसद के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन है। शुक्रवार को हंगामे के कारण बहस आधे घंटे भी नहीं चल सकी।
शाम करीब 5.30 बजे राज्य सभा में तीन तलाक बिल पर बहस शुरू हुई। बहस की शुरुआत में सपा के नरेश अग्रवाल ने सभापति से कहा कि वह बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने का प्रस्ताव मंजूर करें ताकि पूरे सदन की राय पता चल सके।
इसके बाद सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘जो बिल लाया गया है, हम सब उसके खिलाफ हैं। अगर ये बिल मुस्लिम महिलाओं के नाम पर लाया गया है, पर इसमें जो प्रावधान हैं वे मुस्लिम महिलाओं को खत्म करने के लिए लाए गए हैं।
उनके पति को जेल में डाल कर, जब तक पति जेल में रहेगा उसका खर्चा कौन देखेगा, उसे कौन खिलाएगा। सरकार ऐसा प्रावधान लाए, सरकार खर्चा देगी, ऐसा प्रावधान देगी।