तीन तलाक का मामला अदालत में ले जाने वाली इशरत ने राज्यपाल से सुरक्षा मुहैया कराने की लगायी गुहार

कोलकाता : इशरत जहां की दायर याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट ने एक साथ तीन तलाक पर रोक लगायी थी. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद से हावड़ा में रह रहीं इशरत जहां को समुदाय के कुछ लोगों की प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है. उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं. इशरत ने अपनी सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार से गुहार लगायी है.  सोमवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मुलाकात कर इशरत को सुरक्षा मुहैया कराने की गुहार लगायी. राज्यपाल ने मामले में गौर करने का भरोसा दिया है. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
 इशरत जहां की एक जंग खत्म होते ही अपनों के बीच दूसरी जंग शुरू हो गई है। सामाजिक न्याय के लिए लड़ने वाली और गरीबी के बाद भी हार न मानकर मिसाल पेश करने वाली इशरत को उनके ही रिश्तेदारों और पड़ोसियों की आलोचना और बदजुबानी का शिकार होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आसपास के लोग उनको ‘गंदी औरत’ और इस्लाम विरोधी कहते हैं।
इसी बीच सोमवार को संयुक्त आंदोलन समिति (प्रगतिशील मुस्लिम समाज, सुधारवादी मुस्लिम सोसाइटी और सेक्युलर मिशन) के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मुलाकात कर मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया. राज्यपाल से मिलने के बाद संयुक्त आंदोलन समिति की सैय्यद तनवीर नसरीन ने कहा कि तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही समुदाय के कुछ लोगों द्वारा याचिकाकर्ता इशरत जहां पर दबाव बनाया जा रहा है. यहां तक कि उनके चरित्र पर भी सवाल उठाये जा रहे हैं. उनकी सुरक्षा को खतरा है लिहाजा हम इशरत की शारीरिक और आर्थिक सुरक्षा चाहते हैं क्योंकि उनके पास कमाई का कोई जरिया नहीं है. राज्य सरकार द्वारा इशरत जहां और उनके बच्चों के लिए आवश्यक सुरक्षा प्रदान किए जाने के दावे से इतर प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि सोमवार को जब उन्होंने इशरत के घर का मुआयना किया तो वहां सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं था.