तीन शादीयों के बावजूद चौथी की कोशिश महंगी पड़ी

इन दो ख़ानदानों में दोस्ताना ताल्लुक़ात थे एक दूसरे के घर आना जाना हर छोटी तक़रीब में एक दूसरे को मदऊ करना हर ख़ुशी-ओ-ग़म में शामिल होना उनकी ज़िंदगी का एक हिस्सा था।

लेकिन अचानक एक ख़ानदान के फ़र्द ने दूसरे ख़ानदा के फ़र्द का क़त्ल कर दिया। वजह कुछ और नहीं बल्कि एक ख़ानदान की लड़की और दूसरे ख़ानदान का लड़का मुबय्यना तौर पर फ़ोन पर बात करते थे।

इस बात का इन्किशाफ़ उस वक़्त हुआ जब पुलिस ने पहाड़ी शरीफ़ के सनसनीखेज़ क़त्ल मुअम्मा को हल करते हुए 35 साला अबदुलरफ़ी के क़ातिलों को गिरफ़्तार करलिया। याद रहे कि अबदुलरफ़ी का क़त्ल 29 अक्टूबर को जलपली के इलाके में हुआ था।

जब वो अपनी कंपनी में मौजूद था। ताहम उस को कंपनी के बाहर अंजान मुक़ाम पर तलब करते हुए इस का बेरहमी से क़त्ल कर दिया गया और लाश को फेंक कर क़ातिल फ़रार होगए थे।

पुलिस ने 5 क़ातिलों लड़की के भाई जो असल मुल्ज़िम बताया गया है को गिरफ़्तार करलिया। अस्सिटेंट कमिशनर आफ़ पुलिस
शम्सआबाद सुदर्शन ने क़ातिलों को मीडीया के रूबरू पेश किया और बातया कि अबदुलरफ़ी और क़ातिल नंबर एक अबदुलमाजद जिस की उम्र 30 साल बताई है दोनों के ख़ानदानों में बेहतरीन ताल्लुक़ात थे और दोनों के ख़ानदानों का एक दूसरे के घर आनाजाना था। अबदुलमाजद की बहन भी अबदुलरफ़ी के मकान अपने अफ़रादे ख़ानदान के साथ गई थी और इस दौरान अबदुलमाजद की बहन और अबदुलरफ़ी के दरमयान दोस्ती होगई और दोनों फ़ोन पर बातचीत करने लगे।

अबदुलरफ़ीअ चूँकि पहले ही से तीन शादियां करचुका था और इस तरह से लड़की फ़ोन पर बात करना वालिदैन को नागवार गुज़रा और उन्होंने लड़की को ताकीद की और बावर किया कि वो बात ना करे। जिस से ज़हनी तनाव का शिकार लड़की ने नामालूम ज़हरीली दवा का इस्तेमाल करते हुए ख़ुदकुशी की कोशिश की जिस को फ़ौरी हॉस्पिटल मुंतक़िल करते हुए नाकाम बनादिया गया।

इस वाक़िये के बाद अबदुलमाजद काफ़ी ब्रहम था और इस ने मंसूबा तैयार करते हुए क़त्ल की साज़िश रची और अपने साथीयों को लेकर 29 अक्टूबर के दिन अबदुलरफ़ी की कंपनी पहूँचा और इसे जलपली के इलाके में तलब किया गया जहां उन अफ़राद ने मिलकर अबदुलरफ़ी का क़त्ल कर दिया। पुलिस ने शक की बुनियाद पर हिरासत में लेकर तफ़तीश की और उनके अफ़रादे ख़ानदान ने अपने जुर्म को क़बूल करलिया कि उन्हों ही ने अबदुलरफ़ी का क़त्ल किया है। ए सी पी ने बताया कि साल 2011 में सलीम और इमतियाज़ में एक क़त्ल मुआमले में शामिल् थे जबकि मुहम्मद अली के ख़िलाफ़ राजिंदरनगर पुलिस ने ऐक्ट के तहत कार्रवाई की थी।