तीसरा मोर्चा एक ‘सराब” एक” सनक’

सत्ता कांग्रेस और प्रमुख विपक्षी भाजपा का छवि, समय निर्णय करेगा: सी पी एम
कांग्रेस और भाजपा 2014 के आम चुनाव से पहले तीसरे मोर्चे के उभर आने को ‘सराब’ और एक ‘सनक’ करार दिया है. इसके बावजूद कि मुलायम सिंह यादव कोयला ब्लॉक समर्पित करने के मसले पर संसद में छह पार्टियों के धरने का नेतृत्व कर रहे हैं. वास्तव में देश की दोनों प्रमुख पार्टियों कांग्रेस और भाजपा का कहना है कि गैर कांग्रेस और गीर्बिय जनता पार्टी गठबंधन बनाने और सत्ता में आने की संभावना न केवल मवहोम हैं, वह अस्तित्व ही नहीं है.

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहन सिंह ने हालांकि अपना एहसास ज़ाहिर है कि ऐसे किसी मोर्चे के गठन की संभावनाओं अच्छे हैं. साथ ही उन्होंने जोर ढंग से कहा कि लिए अभी बहुत कुछ काम बाकी है क्योंकि गठबंधन रातों रात कॉन्फ़िगर नहीं पाते. उनका टिप्पणी समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव के सदन संसद के प्रमुख बॉब अलदारिह के सामने धरने के बाद सामने आया. इस धरने में सी पी आई, सी पी आई एम आर एस पी, फॉरवर्ड ब्लॉक और तलगुदेश्म के सांसदों शामिल थे.

कांग्रेस के मनीष तिवारी ने अंतिम विभिन्न दृष्टिकोण पेश करते हुए कहा कि तीसरा मोर्चा बहुत टिकाऊ सराब ‘है जो भारतीय राजनीति देख रही है . उनके विचारों को दोहराते हुए भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जवादीकर ने भी इसे सनक और सराब बताया. एन सी पी के टीपी त्रिपाठी ने कहा कि मुलायम सिंह यादव के सरकार के खिलाफ एक नए मोर्चे के गठन और वामपंथी के दलों और तलगुदेश्म पार्टी के साथ कोयला ब्लॉक समर्पित करने की न्यायिक जांच कराने और लाइसेंसों की रद्द की मांग बहुत अधिक अर्थ नहीं निकाले जाने चाहिए.

जदयू के शीवाननद तिवारी ने भी तीसरा मोर्चा बनाने की संभावना को खारिज कर दिया और एहसास जाहिर किया कि मुलायम सिंह यादव के वामपंथी पार्टियों के साथ संबंध अनिवार्य रूप से एक कदम है जो एन डी ए सी ए जी रिपोर्ट के विरोध का विस्तार करार दिए जा सकते हैं.

सी पी आई के गुरु दास दासगुप्ता पहले कह चुके हैं कि 6 पार्टियां भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं और उनकी कोशिश संसदीय लोकतंत्र को नष्ट करने वाली शक्तियों को समाप्त करने के लिए है. इससे न केवल संसद में बल्कि इसके बाहर भी एक नई सुबह और नए युग की शुरुआत होगी .

उनके पार्टी के साथी डी राजा ने इस मसले पर सतर्क प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि धरना एक सीमित उद्देश्य के लिए य‌कजाई है और तीसरा मोर्चा करार नहीं दिया जा सकता. सी पी आई एम के सीताराम ये चुरी ने भी इस बदलाव को महत्वहीन देने की कोशिश करते हुए कहा कि भविष्य में क्या होगा, इसका फैसला तो समय करेगा.