तीसरे वीडियो से साफ हो रहा है भोपाल एनकाउंटर फर्जी था!

भोपाल में सिमी के आठ सदस्यों की भोपाल में कथित मुठभेड़ का एक तीसरा वीडियो सामने आया है इस वीडियो से एनकाउंटर की फर्जी होने का पुख्ता होता जा रहा है।

इस वीडियो में पुलिस और एसटीएफ वालों की बातचीत से साफ है कि सिमी के सद्स्य जिंदा थे जिसे बाद में दोबारा गोली मारी गई।

ल्लनटॉप ने इस वीडियो को शेयर किया है। क्या -क्या बाते निकल कर सामने आ रही है ये वीडियों में।

Viral video of suspected SIMI terrorists while encounter

सिमी के संदिग्ध आतंकवादियों के एनकाउंटर के वक्त का वीडियोपूरी स्टोरी: https://goo.gl/uuOT4V

Posted by The Lallantop on Monday, October 31, 2016

 

ये वीडियो एनकाउंटर के ठीक बाद का है, जैसा सबसे पहला वीडियो था। लेकिन ये एक अलग एंगल से है और पिछले वीडियो के मुकाबले कुछ लंबा है।

2 मिनट के इस वीडियो में एक पुलिस वाला चिल्ला चिल्ला कर ये कह रहा है “एक आदमी जिंदा है”। फिर दूसरा पुलिस वाला कहता है “एक गोली छाती में मारो तो मर जाएगा।” फिर गोली चलाई जाती है, इस एनकाउंटर के पहवे वीडियो में भी देखा था। फिर गाली दी जाती है और चिल्लाया जाता है कि पुलिस को मारेगा!

तो एक ज़िंदा संदिग्ध आतंकी पर दो बार गोली चलाई जाती है। पहली गोली 49वें सेकेंड पर और दूसरी 1 मिनट 56 सेकेंड पर।
पहली गोली

वीडियो के 46वें सेकेंड पर पुलिस वालों की तरफ से कोई चिल्लाता है, “अरे ज़िंदा है, ज़िंदा है.” इसके बाद एसटीएफ का एक जवान जमीन पर पड़े कैदी पर गोली चलाता है और पीछे से मां की गाली गूंजती है। फिर पीछे से कोई सलाह देता है, “अब मत चलाना.”

फिर किसी की आवाज आती है, “वीडियो बना रहे हो तुम ऐसे में” फिर एक और आवाज़ आती है, “भाई ये बंद करवाओ.” इसके बाद कैमरा कुछ सेकेंड के लिए नीचे हो जाता है, लेकिन बंद नहीं होता।

फिर निर्देश जारी होता है, “सब लोग अपनी-अपनी गन अंदर रख लें।”
फिर पुलिस वालों की तरफ से दो तरह की आवाज़ें आती हैं. एक कहता है, “अब मत चलाओ गोली.” एक कहता है, “मार दो, मार दो. छाती में मार दीजिए, मर जाएगा वो” इसके बाद एक गोली और चलाई जाती है. पीछे से आवाज़ आती है, “बस”

फिर बहनचो## के साथ कहा चिल्लाया जाता है, “पुलिस को मारेगा!”

ये वीडियो सही है तो सवाल उठेगा कि मध्य प्रदेश पुलिस और STF की टीम ने तय प्रक्रिया का पालन क्यों नहीं किया?
इस पूरे वीडियो में आपको कहीं भी वो देसी कट्टे नहीं दिखेंगे, जिन्हें कैदियों से बरामद करने का दावा पुलिस ने किया है

पुलिस की दिलचस्पी आखिर उनको जिंदा पकड़ने में क्यों नहीं थी?

क्या ऊपर से कैदियों को किसी भी हाल में मार देने के आदेश जारी हुए थे? ये आदेश किसने दिए थे?

किसी एक को जिंदा नहीं छोड़ा गया। ऐसा क्यों किया गया। पुलिस के दावो के मुताबिक ये बड़ी घटना को अंजाम देने वाले थे। एक को भी अगर जिंदा रखते तो शायद पुलिस मध्य प्रदेश की आतंकियों के उन रैकट तक पहूंच जाती जिसका बारे में जिक्र किया जा रहा है।