म्यूजियम बनाने के नाम पर डेढ़ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के इल्ज़ामात को सामाजी कारकुन तीस्ता सीतलवाड़ ने साजिश करार दिया है। उनका कहना है कि यह गुजरात दंगों में नरेंद्र मोदी और दसरो के खिलाफ जकिया जाफरी की चुनौती को रोकने की कोशिश है।
बता दें कि इस मामले में तीस्ता और उनके शौहर जावेद आनंद के इलावा जकिया जाफरी के बेटे तनवीर जाफरी समेत पांच लोगों को मुजरिम बनाया गया है। बता दें कि अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने शिकायत मिलने के बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज की है पीर के रोज़ तीस्ता की तंज़ीम सीटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस ने अपने बयान में कहा कि लागत बढ़ जाने की वजह से अभी तक म्यूजियम नहीं बन पाया है।
इस संबंध में लगाए जा रहे इल्ज़ाम बेबुनियाद हैं।तीस्ता के मुताबिक सीटीजन फॉर जस्टिस को 63 लाख और सबरंग को 88 लाख रुपये मिले थे, लेकिन उन्होंने गुलबर्ग में म्यूजियम के नाम पर कोई ठगी नहीं की है। तीस्ता ने कहा कि गुलबर्ग सोसाइटी में म्यूजियम बनाने का ख्याल साल 2007 का था लेकिन बाद में इसकी लागत बढ़ गई और म्यूजियम नहीं बनाया गया।
गुलबर्ग सोसाइटी के साकिन और मुतास्सिर फिरोज खान पठान ने दर्ज शिकायत में कहा है कि मुल्ज़िमो ने गुलबर्ग सोसाइटी दंगे में मारे गए लोगों की याद में एक म्यूजियम बनाने के नाम पर रक़म जमा किया, लेकिन इसे बनाया नहीं। क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट कमिश्नर आफ पुलिस एके शर्मा ने इस मामले में एफआईआर दर्ज होने की तस्दीक करते हुए बताया कि मामले की जांच एसीपी केएन पटेल को सौंपी गई है।