गुलबर्ग सोसाइटी दंगा मुतास्सिरो के साथ धोखाधड़ी के मामले में जानी-मानी सामाजी कारकुन तीस्ता सीतलवाड़ और उनके शौहर जावेद आनंद के साथ बाकी मुल्ज़िमों को राहत मिलेगी या आफत बढ़ेगी इसका फैसला आज हो सकता है।
गुजरात हाईकोर्ट ने इस मामले में मुल्ज़िमों की गिरफ्तारी पर 19 जून तक रोक लगाई थी। इल्ज़ाम है कि इन लोगों ने दंगा के मुतास्सिरो के नाम पर फंड उगाहकर उसका इस्तेमाल ज़ाती तौर पर किया। इस मामले में निचली अदालत ने 25 मार्च को दोनों की एडवांस जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी। लेकिन हाईकोर्ट ने 28 मार्च को उन्हें राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।