नई दिल्ली, ३० जनवरी (पी टी आई) हुकूमत गुजरात ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि माबाद गोधरा फ़सादाद के एक मुक़द्दमा में मन घड़त इल्ज़ामात की तहक़ीक़ात के दौरान पता चला है कि ये इल्ज़ामात समाजी कारकुन तीस्ता सीतलवाद (teesta setalvad)की ईमा पर आइद किए गए थे। हुकूमत ने कहा कि इस के इस दावा को गवाहों के ब्यानात की ताईद भी हासिल है।
हुकूमत गुजरात ने अपने एक हलफ़नामा में जिस के साथ सात गवाहों के ब्यानात भी मुंसलिक हैं, जो 22 और 25 जुलाई 2011 के दरमयान एक सीनियर पुलिस ओहदादार की जानिब से अहमदाबाद की अदालत की हिदायत पर दर्ज किए गए थे। हलफ़नामा में गवाहों के नाम भी दर्ज किए गए हैं।
इसके इलावा सुप्रीम कोर्ट में 2003 में गवाहों के दिए हुए ब्यानात की नकलें भी हलफ़नामा के साथ मुंसलिक की गई हैं और तीस्ता सीतलवाद पर इल्ज़ाम आइद किया गया है कि गवाहों के बमूजब ये मन घड़त ब्यानात उन्हों ने तीस्ता सीतलवाद के इशारे पर दिए थे। हक़ीक़ीत वही है, जो हुकूमत गुजरात के हलफ़नामा में तहरीर की गई है।
उन्हों ने इल्ज़ाम आइद किया कि इन के साबिक़ा हलफनामे तीस्ता सीतलवाद के दफ़्तर में उन के एक क़रीबी बाएतिमाद साथी रईस ख़ान के तैयार करदा थे, जिसे नोएडा गाम मुक़द्दमा में झूटी गवाही देने के इल्ज़ाम में गिरफ़्तार किया गया है। नोएडा गाम में 11 अफ़राद हलाक किए गए थे। ताज़ा ब्यानात की नक़ूल ताज़ा तरीन हलफ़नामा के साथ मुंसलिक की गई हैं, जिन में इल्ज़ाम आइद किया गया है कि तीस्ता सीतलवाद ने ख़ुद ही इन हलफनामों को तैय्यार करने के बाद रईस ख़ान के पास रवाना किया था।
25 जुलाई को ए सी पी रईस ख़ान से भी जरह कर चुके हैं, जिसे मुबय्यना तौर पर सीतलवाद ने तमाम तफ़सीलात और नाम हलफ़नामा तैयार करने के लिए इस्तेमाल करने रवाना किए थे। इस मुक़द्दमा की समाअत सुप्रीम कोर्ट में कल मुक़र्रर है, जो 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के हुक्म अलतवा की बिना पर मुल्तवी की गई थी।
गुजरात हाईकोर्ट के दूसरे हुक्मनामा के ख़िलाफ़ सीतलवाद की दरख़ास्त सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई है, जिस में रईस ख़ान के ख़िलाफ़ तहक़ीक़ात की इजाज़त देने के हाईकोर्ट के हुक्म को चैलेंज किया गया है।