तुर्की: एर्दोगन सरकार का फैसला, हिजाब पहनकर ड्यूटी करेंगी महिलाएं

इन्स्ताबुल: तुर्की ने देश की महिला पुलिसकर्मियों को सिर पर इस्लामिक स्कार्फ बांधकर ड्यूटी करने को लेकर एक अधिसूचना निकली है, अधिसूचना के मुताबिक महिला पुलिसकर्मी इस स्कार्फ (हिजाब) से अपने सिर को पूरी तरह ढक सकेंगी, इसका रंग भी उनकी वर्दी जैसा ही होगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। आधिकारिक तौर पर सेक्युलर देश तुर्की की सत्तारूढ़ पार्टी जस्टिस ऐंड डिवेलपमेंट पार्टी ने महिलाओं के ड्यूटी के दौरान हेडस्कार्फ पहनने पर लगे।

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इससे पहले 2010 में तुर्की ने यूनिवर्सिटी कैंपसों में छात्राओं के हेडस्कार्फ पहनने पर लगे बैन को हटा लिया था। सरकार ने 2013 में राजकीय संस्थानों में महिलाओं को हेडस्कार्फ पहनने की अनुमति दी थी। इसके अलावा 2014 में हाईस्कूल की छात्राओं के लिए यह छूट दी गई थी।

तुर्की के राष्ट्रपति रिचप तैयब एर्दोगन के आलोचक इन फैसले को लेकर उन्हें निशाने पर लेते रहे हैं। आलोचकों का कहना है कि राष्ट्रपति तुर्की के सेक्युलर देश की छवि को खराब कर रहे हैं, जिसकी स्थापना 1923 में अतातुर्क कमाल पाशा ने की थी।

हालांकि सरकार समर्थक मीडिया का कहना है कि पश्चिमी देश भी महिला अधिकारियों को हेडस्कार्फ पहनने की अनुमति दे चुके हैं। हाल ही में स्कॉटलैंड ने ऐसे ही छूट का आदेश जारी किया था, जबकि लंदन में एक दशक पहले ही ऐसी छूट दी जा चुकी है। यही नहीं कनाडा सरकार ने भी पुलिस फोर्स में महिलाओं की भर्ती बढ़ाने के लिए उन्हें ड्यूटी के दौरान हिजाब पहनने की अनुमति दी थी।