तुर्की का आख़िरी इलेक्शन?

इस्तांबूल के एक चौक में औरतें अपनी पसंदीदा सियासी जमात के झंडों वाली टी शर्टें पहने हुए मूसीक़ी की धुन पर नाच रही हैं। उन के पास ही पार्टी की कुछ और हामीयों की एक टीम अपनी बारी का इंतेज़ार कर रही है।

ये माहौल सात जून को होने वाले इंतिख़ाबात की वजह से है। इस्तांबूल की गलियां मुख़्तलिफ़ जमातों के रंगारंग झंडों से सजी हुई हैं। ऐसा लगता है कि सात जून को होने वाले इंतिख़ाबात का मेला गलीयों में सज रहा है।

लेकिन इस ख़ुशकुन माहौल के नीचे कशीदगी पिन्हां है। इंतिख़ाबी मुहिम के दौरान सियासी जमातों के दफ़ातिर, उन की बसों और हत्ता कि उम्मीदवारों पर हमले हो चुके हैं।इन इंतिख़ाबात में बहुत कुछ दाव पर लगा हुआ है।

पिछले 13 बर्सों से बरसरे इक़्तेदार जस्टिस ऐंड डेवलप्मेंट पार्टी (ए के पी) के नाक़िदीन का कहना है कि तुर्की मुतलक़ुल अनान हुक्मरानी की जानिब बढ़ रहा है और ये कि मौजूदा इंतिख़ाबात आख़िरी जम्हूरी इंतिख़ाबात हैं।