तुर्की की मदद से सीरियाई विद्रोहियों का ‘जराबलस’ को आज़ाद कराने का दावा

सीरियाई विद्रोहियों का कहना है कि उन्होंने तथाकथित इस्लामिक स्टेट के ख़िलाफ़ बड़ी सैन्य कार्रवाई करते हुए जराबलस शहर को अपने नियंत्रण में ले लिया है। सीरिया के विद्रोही लड़ाकों को तुर्की की सेना और अमरीकी एयरफोर्स का समर्थन हासिल था। हमला बुधवार तड़के सुबह तब शुरू हुआ जब तुर्की के लड़ाकू विमानों, टैंकों और विशेष सुरक्षा बल के अधिकारियों ने सीमा पार की।

तुर्की के टैंक और कमांडरों ने पहले सीमा पार कर विद्रोही बलों के लिए रास्ता साफ़ किया। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब इर्दोगन ने अंकारा में कहा, “दाइश (आईएस) और पीवाईडी (सीरियन कुर्दिश डेमोक्रेटिक यूनियन पार्टी) के ख़िलाफ़ अभियान बुधवार को सुबह 4 बजे शुरू हुआ।

उन्होंने कहा कि ऑपरेशन यूफ़्रेटीज़ शील्ड का उद्देश्य तुर्की की सीमाओँ पर समस्याओं का “ख़ात्मा करना” था। तुर्की के सैन्य कमांडरों ने बताया कि आईएस के ज़्यादातर लड़ाके दक्षिण की ओर भाग निकले और कुछ लड़ाकों ने आत्मसमर्पण कर दिया। लेकिन तुर्की ने कहा है कि उसने सिर्फ़ आईएस को निशाना बनाने के लिए ये सैन्य अभियान नहीं चलाया।

तुर्की का कहना है कि वो कुर्द लड़ाकों से भी मुक़ाबला करना चाहता है जो उत्तरी सीरिया के अधिकांश हिस्से को अपने नियंत्रण में ले चुके हैं और जराबलस शहर की ओर बढ़ने की कोशिश में हैं।

अमरीका के उप-राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस बात की पुष्टि की है कि इस अभियान को सुरक्षा देने के लिए अमरीकी विमानों ने उड़ान भरी। जो बाइडेन इस वक्त तुर्की की राजधानी अंकारा में हैं और वहां तख़्तापलट की नाकाम कोशिश के बाद किसी पश्चिमी देश के बड़े अधिकारी की ये पहली यात्रा है।