तुर्की को हथियार बेचने का जर्मनी के लोग कर रहे हैं विरोध

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने सीरिया में तुर्क सेना की कार्रवाई को “अस्वीकार्य” करार तो दिया, लेकिन जर्मन मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक आलोचना के बावजूद जर्मनी ने तुर्की को हथियार बेचे.

उत्तरी सीरिया के आफरीन इलाके में तुर्क सेना की कार्रवाई का जर्मनी विरोध तो कर रहा है, लेकिन साथ ही जर्मनी तुर्की को हथियार बेचना भी जारी रखे हुए है. जर्मनी के पब्लिक टेलिविजन नेटवर्क एआरडी की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक 20 जनवरी से अब तक जर्मनी तुर्की को 44 लाख यूरो के सैन्य साजो सामान बेच चुका है. जनवरी में ही तुर्की की सेना ने आफरीन में कुर्द उग्रवादियों के खिलाफ सैन्य अभियान छेड़ा. एआरडी ने लेफ्ट पार्टी को दिए गए विदेश मंत्री के एक जवाब का हवाला देते हुए यह दावा किया है.

जर्मनी की लेफ्ट पार्टी की नेता सेविम डागडेलेन तुर्की को हथियार बेचने की मुखर आलोचक हैं. डागडेलेन के मुताबिक हथियार बेचने की मंजूरी चांसलर अंगेला मैर्केल की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रही हैं.

कुर्द मूल की डागडेलेन ने एआरडी से कहा, “आलोचना का कोई परिणाम नहीं है.” मैर्केल सरकार लड़ाई रोकने के लिए कदम उठाने के बजाए, ज्यादा हथियारों की बिक्री को मंजूरी दे रही है.

पिछले हफ्ते ही मैर्केल ने आफरीन में कुर्द सुरक्षा बलों पर तुर्की के हमले की आलोचना की थी. तुर्की इसे आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई बता रहा है.

जर्मन नेताओं को संबोधित करते हुए मैर्केल ने कहा, “तुर्की के हर तरह के तर्कसंगत सुरक्षा हितों के बावजूद, आफरीन में जो हो रहा है वह अस्वीकार्य है, वहां हजारों हजार आम नागरिकों का पीछा हो रहा है, वो मर रहे हैं या भाग रहे हैं.”

जर्मनी की गठबंधन सरकार में शामिल सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी (एसपीडी) के संसदीय उपनेता रॉल्फ म्युत्सेनिष को आशंका है कि तुर्की जर्मन हथियारों का इस्तेमाल सीरिया में कर रहा है.

एआरडी से बात करते हुए म्युत्सेनिष ने कहा, “तुर्की जैसे नाटो देशों के पास ओपन डिलिवरी के ज्यादा विकल्प हैं, लेकिन उन्हें मना भी किया जा सकता है, और इस मामले में तो यह सही भी होगा.”

सीरिया में थल और वायु सेना के हमलों के बाद तुर्की ने आफरीन पर “पूरे नियंत्रण” का दावा किया है. कुर्द संगठन वाईपीजी को तुर्की आतंकवादी संगठन करार देता है.

तुर्की के मुताबिक यह प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) के विद्रोहियों की ही एक शाखा है. सीरिया, तुर्की और इराक में सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले कुर्द लंबे समय से अपने के लिए अलग देश कुर्दिस्तान की मांग करते आ रहे हैं. तुर्की इस मांग को ताकत से कुचलना चाहता है.