तुर्की: बग़ावत के 100 मुल्ज़िमीन के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा

तुर्की में 1997 में इस्लाम पसंद हुकूमत गिराने की मुबैयना मंसूबा बंदी करने वाले एक सौ से ज़्यादा मुल्ज़िमान के मुक़द्दमे की समाअत आज शुरू हो गई। तुर्क फ़ौज के साबिक़ सरब्राह जेनरल इस्माईल हक्कीकार अदाई उन सौ मुल्ज़िमान में से एक हैं जिन के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा का आज दारुल हुकूमत अन्क़रा में शुरू होगा।

उन पर इल्ज़ाम है कि उन्हों ने इस बग़ावत में मदद की जिसे बाद में पोस्ट मॉर्डन बग़ावत का नाम दिया गया क्योंकि इस में फ़ौजी मुलव्विस नहीं थे। 1997 में तुर्क वज़ीरे आज़म नचमातन अर्बकान को अपने ओहदे से इस्तीफ़ा देना पड़ा था और उन की जगह एक सिवीलियन हुकूमत आ गई थी ।

दरीन अस्ना बग़ावत के दीगर मुबैयना मंसूबों की तहक़ीक़ात की जा रही हैं। तुर्क फ़ौज ने 1960 से 1980 के दौरान तीन मर्तबा हुकूमत के ख़िलाफ़ बग़ावत की। गुज़िश्ता साल एक अदालत ने फ़ौज के तीन साबिक़ जेनरलों को बीस साल क़ैद की सज़ा सुनाई। इस मुक़द्दमे में तीन सौ ऑफ़िसरान को बग़ावत में मुलव्विस होने का मुजरिम पाया गया।