तुर्की में शामी सरहद के क़रीब वाक़ै शहर सोरोच में वाक़ै एक कल्चर सैंटर के सामने होने वाले ख़ुदकुश बम हमले में कम अज़ कम अट्ठाईस अफ़राद हलाक हो गए हैं। ज़ख़मीयों की तादाद तक़रीबन एक सौ बताई जा रही है।
मुक़ामी तर्क हुक्काम ने ख़दशा ज़ाहिर किया है कि ये ख़ुदकुश हमला भी हो सकता है। दोमुक़ामी ओहदेदारों का नाम ज़ाहिर ना करने की शर्त पर कहना था कि जाये वक़ूआ से मिलने वाले इबतिदाई शवाहिद से ये ख़ुदकुश हमला लगता है, जो कि दाअश की तरफ़ से किया गया है। टैलीविज़न पर दिखाए जाने वाले मुनाज़िर में लाशों को कल्चर सैंटर के बाहर दरख़्तों के नीचे पड़ा हुआ देखा जा सकता है। ज़्यादा तर कुरद आबादी वाला सोरोच नामी शहर तुर्की के जुनूब मशरिक़ में वाक़ै है और शाम की सरहद से तक़रीबन दस किलोमीटर दूरी पर वाक़ै है।
तर्क वज़ारत-ए-दाख़िला ने इस हमले की तसदीक़ करते हुए कहा है कि इस में सत्ताईस अफ़राद हलाक हो गए हैं जबकि तक़रीबन एक सौ ज़ख़मीयों को हस्पताल लाया गया है।हुक्काम ने हलाकतों में इज़ाफे़ का ख़दशा भी ज़ाहिर किया है। तुर्की के मुक़ामी मीडीया के मुताबिक़, जिस वक़्त ये हमला हुआ, उस वक़्त कल्चर सैंटर के बाग़ीचे में एक कम्यूनिटी मीटिंग जारी थी। इस मीटिंग में शामी शहर को बानी की तामीर-ए-नौ पर तवज्जा मर्कूज़ की जाना थी। शामी शहर को बानी वो इलाक़ा है, जिसे कुरद बाग़ीयों ने शदीद लड़ाई के बाद दाअश के जंगजूओं से आज़ाद करवाया था। इस लड़ाई में कुरद बाग़ीयों को अमरीकी फ़िज़ाईया की मदद भी हासिल थी