तुर्की में जल्द ही फिर लागू होगी सज़ा-ए-मौत: एरदोअन

अंकारा: तुर्की के राष्ट्रपति रजब तय्यिप एरदोअन ने शनिवार को कहा कि सरकार सज़ा-ए-मौत को दुबारा लागू करने के बारे में संसद से बात करेगी.

उन्होंने कहा कि जुलाई में तख्ता-पलट की कोशिश करने वाले लोगों के ख़िलाफ़ सज़ा-ए-मौत होनी चाहिए.

एक प्रोग्राम के दौरान उन्होंने कहा कि “हमारी सरकार संसद तक(ये प्रस्ताव) लेकर जायेगी. मुझे यक़ीन है कि संसद इस बात पे राज़ी हो जायेगी और जब ये बात मेरे पास आएगी, मैं उसकी पुष्टि कर दूंगा”

AFP के मुताबिक़ अंकारा में जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा “जल्दी ही, जल्दी ही.. आप परेशान ना हों. जल्दी ही होगा ये, ख़ुदा जानता है”

जनता में मौजूद लोग “हम (तख्तापलट के मुजरिमों के लिए) सज़ा-ए-मौत चाहते हैं”

गौरतलब है कि तुर्की जब 2004 में यूरोपियन यूनियन में शामिल हुआ था तब वहाँ सज़ा-ए-मौत ख़त्म कर दी गयी थी. 15 जुलाई को हुई तख्तापलट की कोशिश करने वालों के ख़िलाफ़ सज़ा-ए-मौत के प्रस्ताव ने यूरोपियन यूनियन को चौंका दिया है.

जुलाई की इस तख्तापलट की कोशिश के बाद से ही तुर्की की सरकार ने तख्तापलट करने की कोशिश करने वालों के ख़िलाफ़ सख्त कार्यवाही की है, इसके बाद से ही ब्रुसेल्स और अंकारा के ताल्लुक़ात में तल्खी महसूस की जा रही है.

शनिवार के रोज़ एरदोअन ने पश्चिमी मुल्कों को एक सन्देश दे दिया है. जुलाई के बाद से 35 हज़ार लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. तख्तापलट का दोषी अंकारा फेतुल्लाह गुलेन को मानता है जो अमरीका में है.