तुर्की में तबाहकुन ज़लज़ला , 1000 अफ़राद की हलाकत का अंदेशा

अंकारा 24 अक्टूबर ( ए पी ) तुर्की का मशरिक़ी इलाक़ा आज एक ताक़तवर ज़लज़ला से दहल गया जिस की शिद्दत रख़तर स्केल पर 7.2 रिकार्ड की गई ।

ज़लज़ला के नतीजा में एक हज़ार अफ़राद की हलाकत का अंदेशा है । अगरचे इबतिदाई सरकारी इत्तिलाआत में ये तादाद सिर्फ़ 60 बताई गई है । ज़लज़ला के बाद सैंकड़ों इमारतें मुनहदिम होगीइं । हर तरफ़ कंक्रीट और आहनी सलाखों का मलबा देखा गया ।


ख़ौफ़ज़दा अफ़राद घरों से निकल कर सड़कों पर जमा होगए । सैंकड़ों अफ़राद के ज़ख़मी होने की इत्तिलाआत भी मौसूल हुई हैं । पहाड़ी सूबा वान का इलाक़ा अरजस ज़लज़ला से बुरी तरह तबाह हुआ है । 75 हज़ार नफ़ूस की आबादी पर मुश्तमिल ये इलाक़ा ईरानी सरहद से क़रीब वाक़्य है ।

जहां इबतिदाई इत्तिलाआत के मुताबिक़ कम से कम 80 इमारतें मुनहदिम होने के बाद कंक्रीट और ईंटों के ढेर में तबदील हो गई हैं ।


अंदेशा है कि मलबा में सैंकड़ों अफ़राद ज़िंदा दफ़न हो गए हैं । अर्जीस के मेयर ज़ुल्फ़क़ार अर्बो गुलो ने कहा कि कई अफ़राद हलाक हुए हैं ।

कई इमारतें मुनहदिम हुई हैं । बड़े पैमाने पर तबाही हुई है । वान में एक आठ मंज़िला इमारत ज़मीन दोज़ होगई जहां मलबा में फंस जाने वाले ज़ख़मीयों के इलावा नाशों को निकाला जा रहा है । एक मुक़ाम पर एक शख़्स आह-ओ-बकाह करते हुए ये कह रहा था कि मेरी बीवी , बच्चा और एक चार माह की लड़की इस इमारत में थी ।

इमदादी टीम के कारकुनों ने कहा है कि मलबा से आठ अफ़राद को ज़िंदा बचा लिया गया है । मुख़्तलिफ़ मुक़ामात पर मलबा से ज़ख़मीयों को बाहर निकालने की कोशिशों के दरमयान ज़लज़ले के माबाद झटके महसूस किए जा रहे थे । जिस से इमदादी सरगर्मीयां मुतास्सिर हो रही हैं ।

नायब वज़ीर-ए-आज़म बसीर उतावली ने कहा कि सारे इलाक़ा में ज़बरदस्त तबाही हुई है । रसदगाह के सरबराह मुस्तफा अरदीक ने अंदेशा ज़ाहिर किया कि महलोकीन की तादाद हज़ारों तक पहूंच सकती है ।

ज़लज़ला के सबब कई तारीख़ी इमारतें , शाहराहें , पुल वग़ैरा भी तबाह हो गए हैं । शेल्बी बाग़ के मेयर वीसल क़ैसर ने कहा कि मलबा में सैंकड़ों अफ़राद फंसे हुए हैं ।

जिन के रिश्तेदार उन्हें बचाने केलिए फ़िक्रमंद हैं । हंगामी हालात के मुहकम के सरबराह ने कहा है कि फ़िलहाल इबतिदाई मालूमात मौसूल हुई हैं । तफ़सीलात मिलने के बाद ही हलाकतों और तबाहियों का सही अंदाज़ा होसकता है ।

हंगामी टीम के सरबराह ने कहाहै कि इस इलाक़ा में अक्सर इमारतें मख़दूश थीं और ज़लज़ले की शिद्दत बहुत ज़्यादा थी जिस के पेशे नज़र अंदेशा है कि महलोकीन की तादाद कहीं ज़्यादा हो सकती है।

अब तक दीढ़ सौ अफ़राद को मलबे से बाहर निकालते हुए क़रीबी दवा ख़ानों को मुंतक़िल करदिया गया है। बेघर होने वाले अफ़राद के लिए उबूरी शेल्टरस क़ायम किए जा रहे हैं।

सख़्त मौसम के बावजूद कई लोग सड़कों पर रात गुज़ार रहे हैं और ऐसे अफ़राद जिन के घर मुनहदिम नहीं हुए हैं, वो भी ख़ौफ़-ओ-सनसनी के सबब घरों में दाख़िल होने से गुरेज़ कर रहे हैं।