तुर्की में दो सहाफ़ीयों को तुर्की की इन्टेलीजेन्स की जानिब से मुबैयना तौर पर शाम में शिद्दत पसंद तंज़ीम दौलते इस्लामीया को असलहा मुहैया करने से मुताल्लिक़ ख़बर की पादाश में उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई गई है।
इस्तांबूल से शाय होने वाले रोज़नामा जम्हूरीयत के ऐडीटर इन चीफ़ जॉन देवेन्द्र और अँकरा में अख़बार के दफ़्तर के ब्यूरो चीफ़ अरदम गुल पर जासूसी करने का इल्ज़ाम आइद किया गया है।
इस्तिग़ासा ने उन पर एक अमरीकी नज़ाद मौलवी के साथ मिलकर तुर्क हुकूमत को बदनाम करने की साज़िश करने का इल्ज़ाम आइद किया है। इस सख़्त सज़ा के बाद मुल्क में प्रैस की आज़ादी के बारे में ख़दशात बढ़ गए हैं।
यूरोपीय यूनीयन के इन्लार्ज्मेंट कमिशनर जोहांज ने कहा है कि वो इस सज़ा की शिद्दत से हैरान हुए हैं। इन्सानी हुक़ूक़ की तंज़ीम ह्यूमन राइट्स वाच ने कहा है कि वो दोनों सहाफ़ी होने के तौर पर सिर्फ अपना काम कर रहे थे और इस से ज़्यादा कुछ नहीं।
गुज़िश्ता साल जम्हूरीयत अख़बार ने वीडीयो फूटेज शाय की थी जिसमें कहा गया था कि तुर्की की इन्टेलीजेंस एजेंसी ऐम आई टी ने शाम में शिद्दत पसंदों को ट्रकों के ज़रीए असलहा पहुंचाया था।