तुर्की में पहली मर्तबा बुर्क़ा पहनने वाली ख़ातून वज़ीर मुक़र्रर

अँकरा: तुर्की की तारीख़ में पहली मर्तबा बुर्क़ा पहनने वाली एक मुस्लिम ख़ातून को वज़ीर बनाया गया है। तुर्की में अगर मुस्लिम आबादी वाला लेकिन एक सेकूलर मुल्क है। 52 साला माहिर-ए-तालीम आइसन ग़रक़ान को वज़ीर-ए-आज़म अहमद दावत ओगलो की उबूरी हुकूमत में वज़ीर बराए इंचार्ज ख़ानदानी-ओ-समाजी पोलिसी का क़लमदान तफ़वीज़ किया गया है।

ये हुकूमत एक‌ नवंबर को मुनाक़िद शुदणी इंतेख़ाबात तक बरक़रार रहेगी। आइसन ग़रक़ान तीन बच्चों की माँ है और वो बोर्ड आफ़ दी फ़ाउंडेशन फ़ार यूथ ऐंड एजूकेशन की रुकन भी हैं जिसके ऐगज़ीक्यूटिव सदर रजब तय्यब अरदगान के फ़र्ज़ंद बिलाल अरदगान हैं। तुर्की हुकूमत ने गुज़िश्ता दो साल के दौरान ख़वातीन-ओ-लड़कीयों के स्कूल्स और सरकारी इदारों में स्कार्फ़ पहनने पर आइद पाबंदी बर्ख़ास्त कर दी है। हुकूमत के मुख़ालिफ़ीन उसे सेकूलर समाज को नुक़्सान पहुंचाने की कोशिश क़रार दे रहे हैं और उन इक़दामात की मुख़ालिफ़त की जा रही है।