उम्मीद ज़ाहिर की जा रही है कि पीर की सुबह तक मुकम्मल नताइज आ जाएंगे। इन इंतिख़ाबात के नताइज साबिक़ वज़ीरे आज़म और मौजूदा सदर रजब तैयब उर्दगान के सियासी मुस्तक़बिल का भी ताऐयुन करेंगे और उन से ये भी फ़ैसला हो जाएगा कि हुक्मराँ जमात जस्टिस ऐंड डेवलप्मेंट पार्टी मुल्क का आईन तबदील कर सकेगी या नहीं।
इन इंतिख़ाबात में 550 नशिस्तों के लिए 20 सियासी जमातें मैदान में थीं जबकि वोटरों की तादाद तक़रीबन पाँच करोड़ है। गुज़िश्ता आम इंतिख़ाबात में चार करोड़ 30 लाख से ज़्यादा यानी तक़रीबन 85 फ़ीसद लोगों ने हक़ रायदेही का इस्तेमाल किया था और इस बार भी तवक़्क़ो यही है कि वोटिंग की शरह बुलंद रहेगी।