इस्तंबोल २१ नवंबर (राइटर्स) सदर तुर्की अबदुल्लाह गुल आज बर्तानिया पहुंच रहे हैं।तुर्की के सदर अबदुल्लाह गुल का कहना है कि इन का मुलक यूरोज़ोन के बोहरान के बावजूद योरपी यूनीयन में शमूलीयत हासिल करना चाहता हैं।
अबदुल्लाह गुल तीन रोज़ा दौरे पर बर्तानिया पहुंच रहे हैं।
संडे टेलीगराफ़ से बात करते हुए इन का कहना था कि तुर्की योरपी यूनीयन को मज़बूत बनाएगा।तुर्की के सरबराह अपने दौरा-ए-बर्तानिया के दौरान कई तक़ारीब में शिरकत के साथ साथ सयासी रहनुमाओं से मुलाक़ात करेंगी।बर्तानिया वज़ीर-ए-आज़म से मुलाक़ात में वो शाम में जारी बोहरान पर भी बात करेंगी।
तुर्की को मग़रिबी ममालिक और मशरिक़ी वुस्ता समेत मुस्लिम दुनिया के दरमयान एक अहम राबिता पुल के तौर पर तुर्की की मईशत तेज़ी से तरक़्क़ी पज़ीर है और इस वक़्त उस की शरह पैदावर छः इशारीया छः फ़ीसद है।
ताहम अब भी यूरोप में तुर्की की योरपी यूनीयन में शमूलीयत की काफ़ी मुख़ालिफ़त की जा रही है। सदर तुर्की अबदुल्लाह गुल का कहना था किकुछ लोग तंगनज़र हो कर सोच रहे हैं और वो स्ट्रैटेजिक नुक्ता-ए-नज़र की कमी के बाइस तुर्की की रुकनीयत को बोझ तसव्वुर कर रहे हैं।
बर्तानिया तुर्की की योरपी यूनीयन में शमूलीयत का हामी है और इस के लिए दो हज़ार पाँच में मुज़ाकरात शुरू किए गए थी।अगर ऐसा हो जाता है तो तुर्की योरपी यूनीयन में मुस्लिम अक्सरीयती आबादी वाला पहला मुलक होगा।तुर्की की योरपी यूनीयन में शमूलीयत में सब से बड़ी रुकावट क़बरस की सूरत-ए-हाल है।
ये जज़ीरा उन्नीस सौ चोहत्तर में इस वक़्त तक़सीम हुआ था जब यूनानी क़ौम परस्त बाग़ीयों की जानिब से बग़ावत के बाद तुर्की की फ़ौज ने तर्क क़बरसी बाशिंदों के तहफ़्फ़ुज़ के लिए वहां हमला किया। इस जज़ीरे के दुबारा इत्तिहाद की कोशिशें नाकाम होती रही हैं और तर्क और यूनानी क़बरसी बाशिंदों के दरमयान मुज़ाकरात जारी हैं जिन का ताहाल कोई नतीजा नहीं निकला है।