तुल्बा को नहीं मिले फ्री लैंप और पोशाक

रियासत की तकरीबन ढाई लाख तुल्बा को दो साल बाद भी मुफ्त सोलर लैंप, किताबें और पोशाक नहीं मिले हैं। साल 2012-13 में रियासत में क्लास नौ से 12वीं तक की तुलबा को फ्री किताबें, पोशाक और सोलर लैंप देने की ऐलान की गयी थी। इसके लिए बजट में 20 करोड़ रुपये की तजवीज रखा गया था। पांच करोड़ की रकम मंजूर भी की गयी थी। दो सालों से यह तजवीज महकमा का चक्कर काट रहा है। मिडिल स्कूल डाइरेक्टोरेट ने फाइल फाइनेंस महकमा को भेजी थी।

फाइनेंस महकमा ने तजवीज के कुछ नुक्तों पर और जानकारी मांगी है। इससे पहले परपोजल को मंसूबा तरक़्क़ी महकमा को भेजा गया था। महकमा ने मिडिल तालीम डाइरेक्टोरेट को इसके लिए गाइड लाइन तैयार करने को कहा था। डाइरेक्टोरेट ने गाइडलाइन तैयार कर परपोजल मंसूबा तरक़्क़ी महकमा को भेजा था। मंसूबा तरक़्क़ी महकमा ने इसे अपनी मंजूरी दे दी थी। इसके बाद परपोजल फाइनेंस महकमा को भेजा गया था। गौरतलब है कि रियासत की गुजिशता हुकूमत ने रियासत में क्लास नौ से 12वीं तक की तालिबे इल्म को फ्री सोलर लैंप देने की ऐलान की थी। लैंप के साथ-साथ तालिबे इल्म को फ्री पोशाक और किताब देने का फैसला भी लिया गया था।

फ्री सोलर लैंप, पोशाक और किताब तक़सीम का फाइदा रियासत के तकरीबन ढाई लाख तुलबा को मिलता। लैंप का तक़सीम तालीम महकमा की तरफ से किया जाना था। हुकूमत ने बिटिया साल के तहत इस मंसूबा की शुरुआत की थी।

मंसूबा की शुरुआत रियासत में लड़कियों को तालीम में इजाफा देने के मक़सद से किया गया था। रियासत में देही इलाकों में बिजली सप्लाय की हालत ठीक नहीं है। सोलर लैंप मिलने से तुलबा को रात में पढ़ाई में दिक़्क़त नहीं होती।