तृणमूल कांग्रेस बनकुरा और दासपुर से कामयाब

मग़रिबी ( पश्चिम) बंगाल के ज़िमनी इंतिख़ाबात में तृणमूल कांग्रेस ने बनकुरा और दासपुर (Bankura and Daspur) असेंबली नशिस्तों (सीटों) पर सी पी आई( एम) उम्मीदवार को शिकस्त देते हुए कामयाबी हासिल की है ।

इलेक्शन कमीशन ज़राए ( सूत्रों) ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार ( Candidate) मन्नती मिश्रा (Minati Mishra) को बनकुरा नशिस्त ( सीट) पर 15,139 वोटों से कामयाबी हासिल हुई जहां उन्होंने अपने सी पी आई (एम ) हरीफ़ ( प्रतिद्वंद्वी) निलंजन दास गुप्ता (Nilanjan Das Gupta) को शिकस्त दी ।

मन्नती मिश्रा को 72,954 वोट हासिल हुए जबकि दास गुप्ता को 57,815 वोट्स मिले । बी जे पी उम्मीदवार मनीषा डे चटर्जी को 7910 वोट्स हासिल हुए । याद रहे कि काशी नाथ मिश्रा की मौत की वजह से ज़िमनी इंतिख़ाबात नागुज़ीर( आनिवार्य/ ज़रूरी )हो गए थे ने इस नशिस्त ( सीट) पर 2011 के असेंबली इंतिख़ाबात ( चुनाव) में 29,080 वोट्स से कामयाबी हासिल की थी ।

तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार ममता भूनिया (Mamata Bhunia ) ने सी पी आई(एम) के समर मुकर्जी को दासपुर में 18,919 वोटों से हराया । तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार को 94,860 वोट्स हासिल हुए जबकि उनके सी पी आई (एम) हरीफ़ (प्रतिद्वंद्वी) को 75,941 वोट्स मिले ।

दासपुर में बरसर-ए-कार ( काम पर लगे हुए) टी एम सी एम एल ए अजीत भूनिया (Ajit Bhunia) की मौत की वजह से ज़िमनी इंतिख़ाबात करवाना ज़रूरी हो गया था । अजीत भूनिया ने दासपुर नशिस्त ( सीट) के लिए गुज़शता साल तक़रीबन 25000 वोट्स से कामयाबी हासिल की थी ।

मज़कूरा ( उक़्त) दोनों नशिस्तों ( सीटों) के लिए कांग्रेस ने अपना कोई उम्मीदवार ( Candisdates) इंतिख़ाबी (चुनावी) मैदान में नहीं उतारा था । बनकुरा और दासपुर हलक़ा राय दही में तृणमूल कांग्रेस की कामयाबी को दोहरी कामयाबी से भी ताबीर किया जा रहा है क्योंकि हाल ही में बलदी इंतिख़ाबात (नगर पालिका चुनाव) में पार्टी को छः बलदी हलक़ों के मिनजुमला चार हलक़ों में कामयाबी हासिल हुई थी ।

बनकुरा और दासपुर में ज़िमनी इंतिख़ाबात ( उप चुनाव) 12 जून को मुनाक़िद ( आयोजित) किए गए थे ।याद रहे कि मग़रिबी बंगाल महाराष्ट्रा और आंधरा प्रदेश में ज़िमनी इंतिख़ाबात का सिलसिला जारी रहा जिसके यके बाद दीगरे ( एक के दूसरे) नताइज मंज़रे आम पर आ रहे हैं । जिस के बाद कई ऐसे क़ाइदीन भी कामयाब हुए जिन के बारे में कोई तसव्वुर ( कल्पना/ख्याल) तक नहीं था।