तेंदुलकर वंडे कैरीयर पर नज़रसानी करे : गांगुली

हिंदूस्तानी क्रिकेट टीम के साबिक़ कप्तान सौरभ गांगुली ने आज कहा कि हिंदूस्तानी मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर अपने वंडे कैरीयर के मुताबिक़ नज़रसानी करे। गांगुली ने कहा कि तेंदुलकर को सिर्फ वंडे कैरीयर को तूल देना चाहीए अगर वो समझते हैं कि मुस्तक़िल तौर पर वो वंडे टीम के लिए दस्तयाब रहेंगे ।

क्योंकि सिर्फ 8 या 9माह क्रिकेट खेलना ना तेंदुलकर के लिए सूदमंद रहेगा और ना ही इससे हिंदूस्तानी फ़ायदा होगा । ख़बररसां टी वी चैनल हेड लाइन्स टूडे से इज़हार-ए-ख़्याल करते हुए गांगुली ने कहा कि सचिन को ख़ुद से सवाल करना होगा कि उन्हें एक दिन मैदान पर मसरूफ़ और एक दिन आराम करने से फ़ायदा होगा या नहीं क्योंकि 8 या 9माह बाद वनडे सीरीज़ खेल रहे हैं जिससे क्या उन्हें बहैसीयत वंडे खिलाड़ी फ़ायदा हो रहा है और उनसे टीम को कितना फ़ायदा होरहा है और अगर सचिन इन सवालात का जवाब नहीं दे पाते हैं तो उन्हें अपने कैरीयर पर नज़र-ए-सानी करनी चाहीए ।

सचिन आस्ट्रेलिया में कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज़ में मसरूफ़ हैं और अप्रैल 2011में वर्ल्ड कप के फाईनल के बाद सचिन पहली मर्तबा वंडे खेल रहे हैं।गांगुली ने मज़ीद कहा कि तेंदुलकर की टीम में आमद और फिर बाहर जाने की वजह से ना सिर्फ टीम का र्धम बिगड़ रहा है बल्कि उसकी वजह से हर एक खिलाड़ी का फ़ाम मुतास्सिर हो रहा है । गंगोली ने अपने साबिक़ ब्यान को दुहराते हुए कहा कि मैंने वर्ल्ड कप के बाद कहा था कि सचिन को अपने वंडे कैरीयर के मुताल्लिक़ अहम फ़ैसला लेना होगा क्योंकि उन्होंने वंडे क्रिकेट में हर मंज़िल हासिल कर ली है ।

सचिन के मुताल्लिक़ गांगुली का इस तरह का ब्यान हिंदूस्तानी टीम के एक और साबिक़ कप्तान कपिल देव के ब्यान के बाद मंज़रे आम पर आया है जिस में कपिल देव ने कहा कि सचिन को वर्ल्ड कप के बाद वनडे क्रिकेट से सबकदोश हो जाना चाहीए था । इलावा अज़ीं सुनील गवास्कर ने भी कहा है कि सेलेक्टर्स को चाहीए कि वो तेंदुलकर से कह दें कि इनका बहैसीयत वंडे खिलाड़ी मुस्तक़बिल ख़तम हो चुका है । गावसकर ने एन डी टी वी सी गुफ़्तगु के दौरान कहा था कि अगर सेलेक्सन कमेटी महसूस करती है कि सचिन का हिंदूस्तानी वंडे टीम में अब मुस्तक़बिल बाक़ी नहीं रहा तो उन्हें चाहीए कि वो सचिन को आगाह कर दें ।

दरीं असना गांगुली ने कहा कि हिंदूस्तानी सेलेक्टर्स सचिन से ये कभी नहीं कहेंगे कि देखो लिटिल चैंप अब आप को जाना होगा । गंगोली ने कहा कि वो नहीं समझते कि कोई भी सेलेक्टर आगे बढ़ कर इस तरह का काम करेगा कि सचिन को जाने के लिए कहेगा । गवास्कर ने इस ख़सूस में सेलेक़्टरों के चेयरमैन कर शुण्मा सुर्यकांत को सही शख़्सियत क़रार देते हुए कहा कि सुर्यकांत ही वो शख़्स हैं जो कि सचिन को सुबकदोशी का ऐलान करने की बात कहे। क्योंकि सुर्यकांत ही सचिन तेंदुलकर के पहले कप्तान रहे हैं और वही ये काम कर सकते हैं । गावसकर ने कहा कि सचिन ने सुर्यकांत की क़ियादत में अपने कैरीयर का आग़ाज़ किया था और अब वो सेलेक्टरों के चेयरमैन हैं ।

लिहाज़ा सुर्यकांत ही सचिन से ये गुफ़्तगु कर सकते हैं । क्योंकि अगर सेलेक्सन कमेटी समझती है कि हिंदूस्तानी की वंडे टीम में सचिन का मुस्तक़बिल नहीं है तो सुर्यकांत वो शख़्सियत हैं जो सचिन से ये सच्चाई कह दें ।सचिन तेंदुलकर ने आस्ट्रेलिया में रवां सी बी सीरीज़ के ताहाल 5मुक़ाबलों में 18की औसत से रन बनाए हैं और इसी टूर्नामेंट में रिकी पोंटिंग के इतने ही मुक़ाबलों में रन बनाने की औसत 3.60 रही जिसके बाद उन्हें ऑस्ट्रेलियाई वंडे टीम से ख़ारिज कर दिया गया जिस पर साबिक़ कप्तान ने वंडे क्रिकेट से सुबकदोशी का ऐलान कर दिया है ।

रवां सी बी सीरीज़ में हिंदूस्तान का मौक़िफ़ कमज़ोर होता जा रहा है क्योंकि सीरीज़ के इबतिदाई 3मुक़ाबलों में हिंदूस्तान ने 2फ़ुतूहात हासिल की थी लेकिन इस के बाद से अब वो टीम की दर्जा बंदी के जदूल में तीसरे मुक़ाम पर पहुंच चुकी है । गंगोली ने 3तर्ज़ की क्रिकेट के लिए तीन मुख़्तलिफ़ कप्तानों की हिमायत करने के इलावा धोनी के इस ब्यान से इख़तिलाफ़ किया जिस में हिंदूस्तानी कप्तान ने कहा कि सचिन तनडोलकर वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर क़तई 11खिलाड़ियों में एक साथ नहीं खेल सकते क्योंकि मैदान पर ये खिलाड़ी सुस्त है । रवां सी बी सीरीज़ में मज़कूरा 3ओपनर्स को रोटेशन पालिसी के तहत यके बाद दीगरे एक दूसरे को आराम दिया जा रहा है ।

दूसरी जानिब धोनी ने नौजवान खिलाड़ियों की हिमायत करते हुए उन्हें 2015 वर्ल्ड कप के मंसूबा का हिस्सा क़रार दिया है और कहा है कि आस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में मुनाक़िद शुदणी वर्ल्ड कप के लिए नौजवान खिलाड़ियों को यहां ज़्यादा से ज़्यादा मौक़ा दिया जाना चाहीए लेकिन गांगुली ने वाज़िह कहा है कि किसी एक खिलाड़ी को निशाना हरगिज़ नहीं बनाना चाहीए ।

धोनी ने सुरेश रावना का हवाला देते हुए कहा है कि रायना को अपनी तकनीक बेहतर बनानी होगी क्योंकि वो उछाल लेती गेंदों के ख़िलाफ़ जद्द-ओ-जहद में मसरूफ़ रहते हैं और कोई भी बोलर उन्हें रन बनाने का मौक़ा फ़राहम करने की ग़रज़ से गेंद को उनकी बैट के क़रीब डालेगा।