तेजपाल ने शिकारियों संग गुजारी सारी रात

जिंसी इस्तेहसाल (Sexual harassment) के इल्ज़ाम में गिरफ्तार तहलका के साबिक चीफ एडीटर तरुण तेजपाल ने हवालात में दूसरी रात मेढकों और कछुओं के शिकारियों के साथ गुजारी। पीर के रोज़ गोवा मेडिकल कॉलेज ने तेजपाल का पोटेंसी टेस्ट किया, जिसमें वह पाज़ीटिव पाये गए। गोवा मेडिकल कॉलेज के डीन वीएन जिंदल ने बताया कि जांच एजेंसी की जरूरतों के मुताबिक दो मरहलो में हेल्थ टेस्ट किए गए। जिंसी इस्तेहसाल के मामलों में मुल्ज़िम तेजपाल का पोटेंसी टेस्ट जरूरी होता है।

तेजपाल ने इतवार की रात मेढकों और कछुओं के चार मुकामी शिकारियों के साथ काटी।

तहलका के साबिक चीफ एडीटरजिस लॉकअप में बंद हैं, वह पुरानी पुर्तगाली इमारत में है। तेजपाल को अपनी कोठरी तक पहुंचने के लिए एक छोटी और तंग सुरंग से गुजरना होता है। इस सुरंग के आखिरी छोर पर तीन कोठरियां है, जिनमें दो मर्दों के लिए और एक ख्वातीन के लिए है। तेजपाल की कोठरी आठ ज़रब चार फीट की है। ज़राये के मुताबिक, नींद पूरी नहीं हो पाने की वजह से तेजपाल थके हुए और तनाव में नजर आ रहे थे। उनके चेहरे पर हल्की सूजन थी और आंखें लाल थीं।

पीर की सुबह क्राइम ब्रांच के आफीसरो के साथ हवालात पहुंचे तेजपाल के घर वालों ने उन्हें गोवा की पाव भाजी खिलाई। इससे पहले उन्होंने पुलिस की तरफ से दी गई चाय पी। इसके बाद उन्हें हेल्थ टेस्ट के लिए गोवा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। पीर की सुबह पहले मरहले में पांच घंटे तक चले टेस्ट में मेडिकल कॉलेज के फॉरेंसिक डिपर्टमेंट ने तेजपाल के खून रक्त की जांच समेत कई टेस्ट किए। दूसरे मरहले में दोपहर तीन बजे के बाद उन्हें फिर मेडिकल कॉलेज लाया गया।

इतवार की रात तेजपाल ने अपने साथ लॉकअप में बंद दूसरे मुल्ज़िमो से बातचीत की कोशिश की थी, लेकिन गैरकानूनी शिकार के चारों मुल्ज़िम उनकी किसी बात का जवाब नहीं दे पाए, क्योंकि उन्हें हिंदी नहीं आती। तेजपाल ने उन पर लगे इल्ज़ामात के बारे में पूछा, लेकिन वे जवाब देने के बजाय उन्हें घूरते रहे। तेजपाल रात में दो बार पानी पीने के लिए उठे। इतवार की रात घरवारे तेजपाल के लिए गद्दा लेकर हवालात पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने कोर्ट की इज़ाज़त नहीं होने का हवाला देकर उन्हें लौटा दिया। तेजपाल ने लॉकअप में पंखा लगवाने के लिए मुकामी कोर्ट में अर्जी दी है।

तेजपाल पर थिंक फेस्ट-2013 के दौरान 7 व 8 नवंबर को मुकामी होटल की लिफ्ट में सहाफी खातून के साथ दो बार जिंसी हमले का इल्ज़ाम है। गोवा पुलिस ने उनके खिलाफ आइपीसी की दफा-376 (2)(के) और 354ए के तहत मामला दर्ज किया है। वाकिया को आवामी होने के 10 दिन बाद उन्हें हफ्ते के रोज़ गिरफ्तार किया गया।