अक़लियती फाइनैंस कारपोरेशन की तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में तक़सीम का अमल मुकम्मिल होचुका है और इस सिलसिले में बाक़ायदा अहकामात जारी करदिए गए।
स्पेशल सेक्रेटरी अक़लियती बहबूद सय्यद उम्र जलील ने जी ओ एम एस 18जारी करते हुए अक़लियती फाइनैंस कारपोरेशन की तक़सीम के अहकामात जारी किए। आंध्र प्रदेश तंज़ीम जदीद क़ानून 2014 के शेडूल 9 में अक़लियती फाइनैंस कारपोरेशन शामिल था। दोनों रियास्तों ने बाहमी मुशावरत के ज़रीये कारपोरेशन की तक़सीम को मंज़ूरी दी।
इस के अलावा कारपोरेशन के स्टाफ़ और असासा जात की तक़सीम को भी मंज़ूरी दी गई। ताज़ा अहकामात के बाद तेलंगाना अक़लियती फाइनैंस कारपोरेशन और आंध्र प्रदेश अक़लियती फाइनैंस कारपोरेशन दो अलाहिदा इदारों की हैसियत से वजूद में आयेंगे और दोनों अपनी अपनी रियासत के लिए काम करेंगे।
जी ओ में कहा गया हैके माहिरीन की रिपोर्ट की बुनियाद पर असासाजात की तक़सीम-ए-अमल में आएगी। मर्कज़ी हुकूमत से तेलंगाना स्टेट अक़लियती फाइनैंस कारपोरेशन के क़ियाम के सिलसिले में अलाहिदा लाईसेंस हासिल किया गया जो वज़ारत-ए-कार्पोरेट अफयर्स ने जारी किया है।
22 जनवरी 2015 को बोर्ड आफ़ डायरेक्टरस की मीटिंग मुनाक़िद हुवी जिस में मुलाज़िमीन की तक़सीम के तरीका-ए-कार को क़तईयत दी गई। हुकूमत ने कारपोरेशन की तक़सीम से मुताल्लिक़ क़रारदाद को मंज़ूरी देते हुए दोनों कार्पोरेशनों के लिए ओहदे और स्टाफ़ की मंज़ूरी दी है।
दोनों रियासतों में ये तक़सीम अली उल-तरतीब 58और 42फ़ीसद के तनासुब से अमल में आएगी। तक़सीम की कार्रवाई की तकमील के लिए नायब सदर नशीन ओ मैनेजिंग डायरेक्टर कारपोरेशन को ज़रूरी कार्रवाई की हिदायत दी गई है।
वाज़िह रहे के आंध्र प्रदेश हुकूमत ने मैनेजिंग डायरेक्टर के ओहदे पर शेख़ मुहम्मद इक़बाल ( आई पी एस ) के तक़र्रुर के अहकामात जारी किए थे ताहम कारपोरेशन की तक़सीम का अमल मुकम्मिल ना होने के सबब उन्होंने जायज़ा नहीं लिया। तवक़्क़ो हैके वो बहुत जल्द आंध्र प्रदेश अक़लियती फाइनैंस कारपोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर की हैसियत से जायज़ा हासिल करलींगे।
फ़िलवक़्त प्रोफेसर एसए शकूर दोनों रियासतों के लिए इस ओहदे पर ख़िदमात अंजाम दे रहे थे। कारपोरेशन के बोर्ड आफ़ डायरेक्टरस का 6 अप्रैल को मीटिंग तलब किया गया है जो हाईकोर्ट के अहकामात की तामील में तलब किया गया। इसी दौरान दुसरे अक़लियती इदारों जैसे अक़लियती कमीशन, उर्दू एकेडेमी और सी ई डी एम की तक़सीम की कार्रवाई जारी है जबकि वक़्फ़ बोर्ड की तक़सीम का मुआमला मर्कज़ी हुकूमत के ज़ेर-ए-ग़ौर है।