हज 2015 के लिए तेलंगाना और आंध्र प्रदेश रियासतों के आज़मीने हज्ज के इंतेख़ाब के सिलसिले में आज क़ुरआ अंदाज़ी मुनाक़िद की गई।
दोनों रियासतों के लिए मजमूई तौर पर 5005 आज़मीन का कोटा सेंट्रल हज कमेटी की तरफ से अलॉट किया गया था। महफ़ूज़ ज़मरों के तहत मुंतख़ब आज़मीन के अलावा तेलंगाना में 1223 और आंध्र प्रदेश में 2023 आज़मीन का क़ुरआ अंदाज़ी के ज़रीया इंतेख़ाब अमल में आया।
महफ़ूज़ ज़मुरा जात के तहत तेलंगाना में 1537 और आंध्र प्रदेश में 222 आज़मीन का क़ुरआ अंदाज़ी के बगै़र इंतेख़ाब अमल में आया। डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर तेलंगाना मुहम्मद महमूद अली और वज़ीर-ए-क़लीयती बहबूद आंध्र प्रदेश डॉ प्ले रघूनाथ रेड्डी ने अपनी अपनी रियासतों की क़ुरआ अंदाज़ी का इफ़्तेताह किया।
दोनों रियासतों की क़ुरआ अंदाज़ी के लिए हज हाउज़ नामपली में अलाहिदा अलाहिदा तक़रीब मुनाक़िद की गई थी। सेंट्रल हज कमेटी मुंबई से ऑनलाईन क़ुरआ अंदाज़ी की गई और दोनों रियासतों के सैंकड़ों की तादाद में आज़मीन इस मौके पर मौजूद थे। तेलंगाना के लिए क़ुरआ अंदाज़ी की तक़रीब सुबह में रखी गई जबकि आंध्र प्रदेश की क़ुरआ अंदाज़ी दोपहर में अंजाम पाई। डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर महमूद अली ने कहा कि आज़मीने हज्ज दरअसल अल्लाह के मेहमान होते हैं और जिन का क़ुरआ अंदाज़ी में इंतेख़ाब अमल में आया, वो यक़ीनी तौर पर ख़ुशकिसमत हैं।
उन्होंने कहा कि क़ुरआ अंदाज़ी में इंतेख़ाब से महरूम अफ़राद को मायूस होने की ज़रूरत नहीं। उन्होंने कहा कि तेलंगाना की तशकील के बाद दूसरी मर्तबा आज़मीन की ख़िदमत का मौक़ा मिला है। तेलंगाना हुकूमत पिछ्ले साल की तरह इस साल भी आज़मीन के लिए बेहतर से बेहतर इंतेज़ामात करेगी।
लड़कीयों की शादी के सिलसिले में हुकूमत मसाई करेगी। अनीस उलग़रबा की तौसी के लिए चीफ़ मिनिस्टर ने पीडब्ल्यू डी दफ़्तर की 4000 गज़ अराज़ी अलॉट करने का फ़ैसला किया है। तक़रीब में रुकन क़ानूनसाज़ कौंसिल मुहम्मद सलीम , रुकने असेंबली आमिर शकील, स्पेशल सेक्रेटरी अक़लियती बहबूद सय्यद उम्र जलील, डायरेक्टर अक़लियती बहबूद जलालुद्दीन अकबर , सी ई ओ वक़्फ़ बोर्ड सुलतान मोहिउद्दीन और दूसरे मौजूद थे।
स्पेशल ऑफीसर हज कमेटी प्रोफेसर एसए शकूर ने ख़ौरमक़दम किया और दोनों रियासतों को अलॉट करदा कोटा और ज़िला वारी तफ़सीलात पेश कीं। उन्होंने वाज़िह किया कि क़ुरआ अंदाज़ी का अमल मुकम्मिल शफ़्फ़ाफ़ियत पर मबनी है लिहाज़ा अवाम को इंतेख़ाब के सिलसिले में दरमयानी अफ़राद से रुजू होने की ज़रूरत नहीं।
उन्होंने कहा कि कोई भी शख़्स क़ुरआ अंदाज़ी के बगै़र आज़मीन का इंतेख़ाब नहीं करसकता। तेलंगाना को अलॉट करदा जुमला कोटा 2760 है जिस में 1537 आज़मीन का क़ुरआ अंदाज़ी के बगै़र इंतेख़ाब अमल में आया जिन में 643 आज़मीन 70 साल से ज़ाइद उम्र के हैं जबकि 894 मुसलसिल चौथी मर्तबा दरख़ास्त गुज़ार हैं।
आंध्र प्रदेश के आज़मीन की क़ुरआ अंदाज़ी के मौके पर वज़ीर ए क़ुलीती बहबूद आंध्र प्रदेश डॉ पी रघूनाथ रेड्डी ने कहा कि हज इस्लाम का पांचवां रुकन है जो साहिब इस्तेताअत के लिए फ़र्ज़ है। मुस्लमान इस्लाम के चार अरकान अदा करसकते हैं लेकिन हज के फ़रीजे की तकमील के लिए अल्लाह का बुलावा ज़रूरी है।
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश हुकूमत अक़लियतों की तरक़्क़ी में संजीदा है ओ रियासत में किसी मौज़ूं मुक़ाम पर हज हाउज़ तामीर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रियासत की तक़सीम के बावजूद दोनों रियासतों के मुस्लमान आपस में भाई भाई की तरह हैं जिस का सबूत तेलंगाना हज कमेटी की तरफ से आंध्र प्रदेश के आज़मीन की ख़िदमत है। उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश में दुकान , मकान स्कीम का अहया किया जा रहा है।
इस के अलावा हुकूमत मुकम्मिल बजट ख़र्च करने में संजीदा है। उन्होंने हज कमेटी के लिए ज़ाइद बजट मुख़तस करने का यकीन् दिया। इस मौके पर स्पेशल सेक्रेटरी अक़लियती बहबूद शेख़ मुहम्मद इक़बाल मौजूद थे। स्पेशल ऑफीसर एसए शकूर ने ख़ैर मुक़द्दम किया।
उन्होंने कहा कि पिछ्ले साल सारे मुल्क में तेलंगाना बेहतर इंतेज़ामात के सिलसिले में सर-ए-फ़हरिस्त रहा। महमूद अली ने कहा कि चीफ़ मिनिस्टर चन्द्रशेखर राव ने आज़मीन के लिए बेहतर इंतेज़ामात की हिदायत दी और कहा कि इस सिलसिले में बजट की फ़िक्र ना करें।
उन्होंने कहा कि चीफ़ मिनिस्टर मुसलमानों की तरक़्क़ी के सिलसिले में जामि मंसूबा रखते हैं। अक़लियती बहबूद के बजट में हर साल इज़ाफ़ा किया जा रहा है। हुकूमत मुकम्मिल बजट के ख़र्च को यक़ीनी बनाने में संजीदा है। डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि शादी मुबारक, स्कालरशिप और बैरून-ए-मुल्क तालीम के लिए क़र्ज़ की फ़राहमी के लिए ज़ाइद बजट मुख़तस किया गया। उन्होंने कहा कि शादी मुबारक स्कीम के तहत 6000 से ज़ाइद दरख़ास्तें दाख़िल की गईं जिन में 4,000 से ज़ाइद की यकसूई करदी गई है। उन्होंने कहा कि उन्नीस उलगुरबा में मौजूद यतीम बच्चों के लिए ना सिर्फ़ बेहतर तालीम का इंतेज़ाम किया जाएगा बल्कि लड़कों को मुलाज़मत की फ़राहमी की कोशिश की जाएगी।