तेलंगाना-ओ-आंध्र के आज़मीन के लिए 17 ख़ादिम अलहजाज का इंतेख़ाब

तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के हुज्जाज किराम की ख़िदमत के लिए 14 ख़ादिम अलहजाज का इंतेख़ाब अमल में आया। हज 2015 के ज़िमन में दफ़्तर हज कमेटी में ख़ादिम अलहजाज के इंतेख़ाब के लिए क़ुरआ अंदाज़ी की गई जिस में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को 4 ज़मरों में तक़सीम करते हुए जुमला 14 ख़ादिम अलहजाज मुंतख़ब किए गए।

उनके अलावा हज कमेटी और वक़्फ़ बोर्ड से 3 मुलाज़िमीन ख़ादिम अलहजाज के तौर पर रवाना किए जाऐंगे। इस तरह मजमूई तौर पर 17 ख़ादिम अलहजाज को रवाना किया जाएगा। स्पेशल सेक्रेटरी अक़लियती बहबूद आंध्र प्रदेश शेख़ मुहम्मद इक़बाल, डायरेक्टर अक़लियती बहबूद तेलंगाना जलालुद्दीन अकबर और स्पेशल ऑफीसर हज कमेटी प्रोफेसर एसए शकूर ने क़ुरआ अंदाज़ी अंजाम दी। दोनों रियासतों से वेटिंग लिस्ट के बिशमोल जुमला 5209 आज़मीने हज्ज मुंतख़ब हुए हैं और 300आज़मीन के लिए एक ख़ादिम अलहजाज के हिसाब से 17 ख़ादिम अलहजाज का क़ुरआ अंदाज़ी के ज़रीये इंतेख़ाब अमल में आया।

आंध्र इलाके के 1000 आज़मीने हज्ज के लिए ख़ादिम अलहजाज की 6 दरख़ास्तें वसूल हुई थीं जिन में से तीन का इंतेख़ाब किया गया जबकि वेटिंग लिस्ट में एक को रखा गया। तेलंगाना रीजन के 1171 आज़मीन के लिए ख़ादिम अलहजाज की 42दरख़ास्तें वसूल हुई थीं जिन में से 4 का इंतेख़ाब किया गया जबकि एक वेटिंग लिस्ट में है।

रायलसीमा के 1334 आज़मीन के लिए ख़ादिम अलहजाज की 20 दरख़ास्तें वसूल हुई थीं जिन में से 4 का इंतेख़ाब अमल में आया और वेटिंग लिस्ट में एक को रखा गया। दोनों शहरों हैदराबाद-ओ-सिकंदराबाद के 1704 आज़मीन के लिए ख़ादिम अलहजाज की 74 दरख़ास्तें वसूल हुईं जिन में से 3 का इंतेख़ाब किया गया जबकि एक को वेटिंग लिस्ट में रखा गया।

हज कमेटी और वक़्फ़ बोर्ड के मुंतख़ब करदा 3 ख़ादिम अलहजाज दोनों शहरों के आज़मीन की ख़िदमत के लिए मामूर होंगे। ख़ादिम अलहजाज के लिए जुमला 142 दरख़ास्तें अहल क़रार पाइं। क़ुरआ अंदाज़ी के बाद दोनों हुकूमतों और हज कमेटी ने वाज़िह कर दिया कि ख़ादिम अलहजाज की तरफ से ख़िदमत में किसी भी कोताही की शिकायत पर तादीबी कार्रवाई की जाएगी और उन से सफ़र हज की रक़म वसूल की जाएगी।

शेख़ मुहम्मद इक़बाल ने कहा कि ख़ादिम अलहजाज की ज़िम्मेदारी हैके वो आज़मीन-ए-हज्ज की बेहतर से बेहतर ख़िदमत करें उन्हें ना सिर्फ़ मुफ़्त सफ़र के अलावा क़ियाम-ओ-ताम की सहूलत फ़राहम की जाती है बल्कि दुसरे आज़मीन की तरह फी कस 1500 रियाल दिए जाऐंगे।

उन्होंने कहा कि ख़ादिम अलहजाज को अपनी बेहतर कारकर्दगी के ज़रीये हुकूमतों का नाम रोशन करना चाहीए। उन्होंने बताया कि साबिक़ में ख़ादिम अलहजाज के बारे में कई शिकायात मिल चुकी हैं। उन्हों ने कहा कि मुनासिब अंदाज़ में ख़िदमत अंजाम ना देने पर मुताल्लिक़ा मह्कमाजात को कार्रवाई की सिफ़ारिश की जाएगी।