आंध्र प्रदेश की तक़सीम के सबब हज कोटे में तेलंगाना के साथ कमी के बाइस 14,000 से ज़ाइद आज़मीने हज्ज को जारीये साल हज की सआदत हासिल नहीं होगी। सेंट्रल हज कमेटी ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लिए हज कोटे का एलान कर दिया है। दोनों रियासतों में मुस्मानों की आबादी के लिहाज़ से कोटा मुक़र्रर किया गया।
तेलंगाना के लिए 2760 का कोटा अलॉट हुआ है जिस में 139 का लम्हा आख़िर में इज़ाफ़ा किया गया जबकि आंध्र प्रदेश के लिए 2245 का कोटा मुक़र्रर किया गया जिस में 113 दुसरेरि यासतों से माबकी कोटे से दिया गया हिस्सा है। स्प्रेशल ऑफीसर हज कमेटी प्रोफेसर एसए शकूर को सेंट्रल हज कमेटी नेदोनों रियासतों के कोटा से वाक़िफ़ किराया ।
गुज़श्ता साल मुत्तहदा आंधरा प्रदेश में 5580 का कोटा अलॉट किया गया था जबकि वेटिंग लेस्ट के बाद 6043 आज़मीन-ए-हज्ज बैतुल्लाह के लिए रवाना हुए थे। रियासत की तक़सीम के सबब उसी कोटा को दोनों रियास्तों में तक़सीम कर दिया गया है। गुज़श्ता साल सेंट्रल हज कमेटी ने एक लाख 5,000 के अपने कोटे को सारे मुल्क में तक़सीम किया था। इस मर्तबा 94,000 कुमलक की तमाम रियासतों में तक़सीम किया गया।
तेलंगाना में मुस्लिम आबादी 38 लाख 53 हज़ार 213 है। इस एतेबार से 2760 का कोटा अलॉट हुआ। इस से 14210 आज़मीन क़ुरआ अंदाज़ी में इंतेख़ाब से महरूम होजाएंगे। आंध्र प्रदेश में मुस्लिम आबादी 21 लाख 33 हज़ार 643 है। इस एतेबार से 2245 का कोटा मुक़र्रर किया गया। वहां 1595 अफ़राद क़ुरआ अंदाज़ी में इंतेख़ाब से महरूम रहेंगे। मर्दुमशुमारी 2001 -ए-के मुताबिक़ मुस्लिम आबादी का ताय्युन किया जा रहा है। जबकि सेंट्रल हज कमेटी से नुमाइंदगी की गई थी कि 2011 मर्दुमशुमारी के तहत कोटा अलॉट किया जाये।
मुत्तहदा आंध्र प्रदेश के कोटा को तेलंगाना में 55 फ़ीसद और आंध्र प्रदेश में 45 फ़ीसद के हिसाब से तक़सीम कर दिया गया। दोनों रियासतों में मजमूई तौर पर 5005 आज़मीन का कोटा अलॉट हुआ है जबकि पिछ्ले ये 5580 था। तेलंगाना में महफ़ूज़ ज़मुरा के तहत मुंतख़ब आज़मीन की तादाद 1137 है जिन के लिए क़ुरआ अंदाज़ी नहीं होगी। इस तरह तेलंगाना में सिर्फ़ 1623 आज़मीन के इंतेख़ाब के लिए क़ुरआ अंदाज़ी होगी, जिस के सबब हज़ारों अफ़राद इंतेख़ाब से महरूम होसकते हैं जबकि आंध्र प्रदेश में महफ़ूज़ ज़मुरा के तहत सिर्फ़ 222 आज़मीन का इंतेख़ाब क़ुरआ अंदाज़ी के बगै़र होचुका है। लिहाज़ा 2023 आज़मीन के लिए क़ुरआ अंदाज़ी होगी। तवक़्क़ो हैके लम्हा आख़िर में वेटिंग लिस्ट के तहत कुछ ज़ाइद नशिस्तें दोनों रियास्तों को अलॉट होसकती हैं।