तेलंगाना और आंध्र के लिए अलाहिदा हाई कोर्ट्स का क़ियाम ज़रूरी

मर्कज़ी वज़ीर बंडारू दत्तात्रीय ने कहा कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश अलाहिदा रियास्तों की तशकील के बाद दोनों रियास्तों के लिए हाई कोर्ट्स का क़ियाम ज़रूरी है।

बंडारू दत्तात्रीय ने आज तेलंगाना पोलिटिकल जे ए सी के सदर नशीन प्रोफ़ेसर कूदंडा राम और ऐडवोकेट जोइंट ऐक्शण कमेटी के क़ाइदीन के साथ नई दिल्ली में मर्कज़ी वज़ीरे दाख़िला राजनाथ सिंह से मुलाक़ात की।

उन्होंने मर्कज़ी वज़ीरे दाख़िला पर ज़ोर दिया कि तेलंगाना के लिए अलाहिदा हाईकोर्ट की तशकील के ज़रीए देरीना मुतालिबा की यक्सूई की जाए। उन्होंने पोलिटिकल और ऐडवोकेट जे ए सी की जानिब से इस सिलसिला में मर्कज़ से नुमाइंदगी का हवाला दिया।

दत्तात्रीय ने कहा कि रियासत की तक़सीम को एक साल से ज़ाइद का अर्सा मुकम्मल हो गया लेकिन अभी तक अलाहिदा हाईकोर्ट की तशकील अमल में नहीं लाई गई जिसके सबब अवाम को दुशवारीयों का सामना है।

उन्होंने कहा कि मर्कज़ी हुकूमत को तेलंगाना के लिए अलाहिदा हाईकोर्ट की तशकील के लिए तेज़ी से इक़्देमात करने चाहीए। दत्तात्रीय ने कहा कि मर्कज़ी हुकूमत हाईकोर्ट की तक़सीम के मसअले पर संजीदा है।

उन्होंने जे ए सी क़ाइदीन को तयक़्क़ुन दिया कि वो हाईकोर्ट की तक़सीम के सिलसिले में अपनी भरपूर मसाई करेंगे। उन्होंने इस सिलसिले में हुकूमत के रवैया को तन्क़ीद का निशाना बनाया। कूदंडा राम ने कहा कि तक़सीम के वक़्त तेलंगाना रियासत के साथ जो वाअदे किए गए थे उनकी तकमील की जानी चाहीए।